अंशुल मौर्य
वाराणसी, 31 मई 2025:
यूपी के वाराणसी स्थित कबीर मठ के महंत विवेक दास और उनके शिष्य प्रमोद दास पर मठ से ही जुड़े संतोष मिश्रा ने दस लाख हड़पने का आरोप लगाया है। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर संतोष की ओर से शिवपुर थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
पीड़ित ने दस लाख देकर तीन साल के लिए लीज पर लिए थे कमरे व दुकानें
जौनपुर के मड़ियाहूं निवासी संतोष कुमार मिश्रा कबीर मठ से जुड़े हैं। इनका कहना है कि मठ के महंत विवेक दास पर विश्वास के कारण शिवपुर के कादीपुर में मठ की 10 दुकानों और कमरों को 3 साल के लिए 10 लाख रुपये में लीज पर लिया। महंत ने खुद को संपत्ति का मालिक बताते हुए खतौनी और पावर ऑफ अटॉर्नी के दस्तावेज दिखाए। संतोष ने कई किश्तों में 10 लाख रुपये दिए और 23 सितंबर 2024 को रजिस्टर्ड लीज डीड कराई, जिसमें 50 हजार रुपये अतिरिक्त भी लिए गए।
मरम्मत के दौरान खुला धोखे का राज
संतोष ने जब 19 मई 2025 को दुकानों की मरम्मत शुरू की, तो वहां विकास अग्रवाल और प्रदीप सोनकर नाम के दो लोग पहुंचे और काम रुकवा दिया। उन्होंने दावा किया कि वही दुकानें और कमरे उन्हें 1 मार्च 2024 को नोटोरियल डीड के जरिए लीज पर दिए गए हैं। यह डीड भी प्रमोद दास ने की थी। हैरान संतोष ने जब महंत से इसकी शिकायत की, तो उन्होंने इसे नोटोरियल डीड बताकर संतोष को काम जारी रखने को कहा। लेकिन संतोष ने अपनी जांच शुरू की, जिसमें पता चला कि संपत्ति पहले भी कई बार लीज पर दी जा चुकी थी। यह साफ हो गया कि उनके साथ धोखा हुआ है।
पैसे मांगे तो मिली धमकी, कोर्ट में लगाई थी गुहार
संतोष ने जब अपने 10 लाख रुपये वापस मांगे, तो प्रमोद दास ने न सिर्फ पैसे लौटाने से इनकार किया, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। संतोष ने शिवपुर थाने में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज करने में आनाकानी की। इसके बाद उन्होंने 24 मई 2025 को सीपी कार्यालय में गुहार लगाई, लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार, कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 30 मई को महंत विवेक दास और प्रमोद दास के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। शिवपुर थानाध्यक्ष राजू कुमार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है।