
नई दिल्ली, 30 जुलाई 2025
भारत में नक्सलवाद अब कमजोर पड़ चुका है। सरकार की सख्त नीति और विकास योजनाओं के चलते बीते 15 वर्षों में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर सिर्फ 18 रह गई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नक्सली हिंसा में 2010 की तुलना में 2024 में 81% की गिरावट आई है।
2015 में केंद्र ने नक्सलवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना शुरू की, जिसमें सुरक्षा उपायों, विकास कार्यों और स्थानीय समुदायों के अधिकारों पर विशेष ध्यान दिया गया। विशेष बलों की तैनाती, पुलिस आधुनिकीकरण योजना और इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत किया गया।
विकास योजनाओं के तहत विशेष केंद्रीय सहायता, सड़क निर्माण, बिजली, इंटरनेट और कौशल प्रशिक्षण योजनाएं शुरू की गईं। झारखंड में नक्सली घटनाएं 2009 में 742 थीं, जो 2024 में घटकर 69 रह गईं। वहां प्रभावित जिलों की संख्या भी 21 से घटकर केवल 2 रह गई है।
सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास योजनाएं लागू की हैं। इसमें 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और ₹10,000 मासिक वजीफा दिया जा रहा है।
‘SAMADHAN’ नाम की रणनीति के तहत सरकार ने नेतृत्व, आक्रामक रणनीति, प्रशिक्षण, खुफिया जानकारी, तकनीक, क्षेत्रीय योजना और फंडिंग रोकने जैसे पहलुओं पर काम किया। गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाएगा।






