
वाराणसी, 24 फरवरी 2025:
महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव-पार्वती विवाह से पूर्व के उत्सव का क्रम सोमवार से काशी विश्वनाथ मंदिर के टेढ़ीनीम स्थित पूर्व महंत आवास पर शुरू होगा। बाबा विश्वनाथ के रजत विग्रह के समक्ष हल्दी तेल की रस्म अदा की जाएगी, जिसमें काशीवासियों के साथ महाकुंभ से लौटे साधु-संन्यासी भी भाग लेंगे।

शाम को आयोजन, गूंजेंगे पारंपरिक गीत
शाम को शिव को हल्दी लगाई जाएगी और गवनहारिनों की टोली विशेष पारंपरिक गीत गाएगी। इस वर्ष यह रस्म मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के निधन के बाद पहली बार उनकी पत्नी मोहिनी देवी की उपस्थिति में उनके पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी द्वारा निभाई जाएगी।
25 से 27 फरवरी तक नहीं होंगे वीआईपी प्रोटोकॉल दर्शन
महाकुंभ के पलट प्रवाह को देखते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में 25 से 27 फरवरी तक 72 घंटे के लिए वीआईपी प्रोटोकॉल दर्शन पर रोक रहेगी। प्रशासन के अनुसार महाशिवरात्रि पर 15 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिससे लाइन में खड़े श्रद्धालुओं को 16 से 18 घंटे तक इंतजार करना पड़ सकता है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ के मुताबिक महाकुंभ से लौटने वाले श्रद्धालुओं के साथ कई अखाड़ों के नागा साधु और संन्यासी भी बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आ रहे हैं। भक्तों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जिससे सामान्य दर्शनार्थियों को सुगमता से दर्शन का अवसर मिल सके।






