BiharPolitics

लालू प्रसाद के साले सुभाष यादव का खुलासा, अपहरणकर्ताओं से थे लालू यादव के संबंध, CM हाउस में होती थी डील।

पटना, 14 फरवरी 2025

पूर्व राज्यसभा सांसद और लालू प्रसाद के साले सुभाष यादव ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद बिहार में सत्ता में थे, तब उनका फिरौती के लिए अपहरण करने वाले गिरोहों से संबंध था। लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के छोटे भाई तेजप्रताप यादव ने यहां कई मीडिया संस्थानों से बातचीत में यह आरोप लगाया। तेजप्रताप राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बाद बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं। यादव ने कहा, “वे मुझ पर अपहरण के पीछे हाथ होने का आरोप लगाते हैं। वे ही लोगों का अपहरण करवाते थे और उनकी रिहाई का आदेश देते थे।” यादव ने तब से अपनी बहन और बहनोई से नाता तोड़ लिया है। उन्होंने कहा, “अगर मेरे खिलाफ कोई सबूत होता तो मैं लालू जी की तरह जेल में होता, जिनके खिलाफ चारा घोटाले में संलिप्तता के सबूत थे।”

हालांकि, राबड़ी देवी के एक और भाई साधु यादव ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा, “सुभाष बकवास कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि उन्हें किसी राजनीतिक पार्टी से ऐसी बातें कहने के लिए प्रोत्साहन मिला है।” “यह सुभाष ही है, जो सभी तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रहता था। मुझे संदेह है कि उसका खुद अपहरणकर्ताओं से संबंध रहा होगा। लोग अक्सर हमें आपस में मिला देते थे। साधु-सुभाष एक दूसरे से जुड़ गए हैं। वह सभी शरारतें करता था और मैं बिना किसी कारण के दोष साझा करता था,” साधु यादव ने आरोप लगाया।

संयोगवश, भाजपा नीत राजग द्वारा इन दोनों भाइयों पर अक्सर पटना में एक कार शोरूम से वाहनों की लूट का आरोप लगाया जाता रहा है, जिन्हें प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती के विवाह समारोह के बाद “वापस” कर दिया गया था। मीसा भारती पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से सांसद भी हैं।

सुभाष यादव ने स्वीकार किया कि वाहन 1999 में लूटे गए थे, लेकिन उन्होंने दो अन्य राजद नेताओं के इसमें शामिल होने का दावा किया, जिन पर उन्होंने प्रसाद के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, “वास्तव में, मैं ही वह व्यक्ति था जिसने अपने बहनोई को ऐसा करने से रोकने की कोशिश की थी। लेकिन उन दिनों वह सत्ता के नशे में चूर थे और किसी की नहीं सुनते थे।”

पूर्व सहयोगी ने यह भी कहा कि राजद “कई बार विभाजित हो चुका होता, यदि दलबदल विरोधी कानून नहीं होता, जिसे दिवंगत प्रधानमंत्री अटल (बिहारी वाजपेयी) जी ने और अधिक कठोर बना दिया था।” उन्होंने अपने भतीजे तेजस्वी यादव को “मौसमी” राजनेता करार देते हुए कहा कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में एनडीए की भारी जीत होगी। उन्होंने दावा किया कि 243 सदस्यीय सदन में एनडीए “200 से अधिक सीटें” जीतेगा।

राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “कोई भी ऐसे व्यक्ति की आलोचना पर विश्वास नहीं करेगा, जिसने हमारे पार्टी अध्यक्ष को बदनाम किया और जो अब सत्तारूढ़ सरकार के हाथों में खेलता दिख रहा है।”

राजद प्रवक्ता ने दिन में प्रसाद के उस आक्रामक बयान का भी जिक्र किया, जिसमें 70 वर्षीय प्रसाद ने कहा था कि दिल्ली में भाजपा की हालिया जीत का बिहार में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और भगवा पार्टी “जब तक हम हैं, तब तक यहां जीत नहीं सकती।”

शक्ति यादव ने कहा, “हमारे सुप्रीमो के बयान से सत्तारूढ़ गठबंधन में खलबली मच गई है। इसलिए बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। लेकिन हमारे नेता खुद एक संस्था हैं। उनके कई विरोधियों और सहयोगियों ने उनसे सीख ली है। उनकी शख्सियत इतनी महान है कि इस तरह की बदनामी से उसे छोटा नहीं किया जा सकता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button