
राजकोट, 4 जून 2025
भारतीय वायु सेना ने आज पाकिस्तान की सीमा के नजदीक गुजरात के राजकोट क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास किया। इस अभ्यास के लिए NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया गया था, जिसके तहत निर्धारित हवाई क्षेत्र को आम हवाई यातायात के लिए बंद रखा गया। यह क्षेत्र पाकिस्तान की सीमा से लगभग 100 किलोमीटर दूर और अरब सागर के किनारे स्थित है, जो रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय वायु सेना की युद्धक क्षमता और तैयारियों को परखना था। इसमें राफेल, सुखोई-30, और जगुआर जैसे फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान शामिल थे। भारतीय वायु सेना ने इस अभ्यास के माध्यम से अपनी सतर्कता और रणनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया है, जो पिछले ऑपरेशन सिंदूर के बाद की गई तैयारियों को और मजबूत करता है।
NOTAM का उपयोग विमानों के पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों को अस्थायी बदलावों और संभावित खतरों के बारे में सूचित करने के लिए किया जाता है, जिससे उड़ान सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। भारतीय वायु सेना ने मई माह में राजस्थान में भी इसी प्रकार का बड़ा अभ्यास आयोजित किया था, जिसमें राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 विमान शामिल थे।
यह युद्धाभ्यास भारत की नियमित परिचालन तैयारी का हिस्सा है, जो देश की सीमा सुरक्षा और वायु रक्षा को मजबूत करने के लिए समय-समय पर किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के अभ्यास भारत की रणनीतिक सतर्कता और सैन्य तैयारियों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा क्षेत्र में तनाव के बीच ऐसे अभ्यास सुरक्षा माहौल को मजबूत करने और संभावित खतरों का मुकाबला करने के लिए जरूरी माने जाते हैं। भारतीय वायु सेना की यह तैयारी क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है।