
लखनऊ, 20 सितंबर 2025 :
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित गोमतीनगर क्षेत्र में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की सात जमीनों को किसी और को बेचकर रजिस्ट्री के अभिलेखों में दूसरे नाम दर्ज कर दिए गए। जांच में धांधली उजागर होने के बाद वजीरगंज थाने में उप निबंधक (द्वितीय) सदर प्रभाष सिंह ने एफआईआर दर्ज करवाई है। इसमें एलडीए के नौ तत्कालीन अफसरों समेत 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
गोमतीनगर स्थित एलडीए की जिन सात जमीनों में घपला किया गया है वो भूखंड विकल्प खंड,विक्रांत खंड, विनीत, विभव व विनम्र खंड जैसे पॉश इलाकों में स्थित हैं। 14888 वर्ग फीट वाले इन भूखंडों की कीमत लगभग 20 करोड़ है। इन भूखंडों की रजिस्ट्री के अभिलेखों की जांच में फर्जीवाड़ा मिला। पता चला कि जमीन किसी और को बेच दी गई और अभिलेखों में नाम किसी और के दर्ज कर दिए गए। उपनिबंधक सदर आलोक सिंह ने सात भूखंडों की जांच की तो गड़बड़ी पकड़ में आ गई। इसी के बाद वजीरगंज थाने में केस दर्ज कराया गया। ये सभी रजिस्ट्री वर्ष 2001 में की गईं थीं। फर्जीवाड़े को दलालों व अफसरों ने मिलकर अंजाम दिया।
भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री करने के मुकदमे में एलडीए के नौ तत्कालीन अधिकारी व 14 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें एलडीए के प्रभारी संपत्ति अधिकारी अनीता श्रीवास्तव, केके सिंह, एसडी दोहरे, अनूप शुक्ला, संतोष मुर्डिया और अनुभाग अधिकारी एबी तिवारी. आरके मिश्रा, विद्यासागर और एबी तिवारी शामिल हैं। अन्य अरोपियों में इंदिरानगर निवासी शमशुल हसन, पाटानाला बजाजा नक्खास के सरफराज अहमद, छितवापुर वाराणसी की सत्यभामा देवी, महानगर सेक्टर सी के राजकिशोर, कानपुर बर्रा के एसी वैश्य, उन्नाव अजगैन के नीरज कुमार गुप्ता, जानकीपुरम सेक्टर-एफ की मंजू श्रीवास्तव, अलीगंज सेक्टर-जी के महेश कुमार, प्रकाशपुरम नई बस्ती भदेवा के सुकांत घोष, राजाजीपुरम के हरिनाम शर्मा, निजामपुर मल्हौर के प्रदीप कुमार जायसवाल, बाराबंकी सतरिख उमरा खास के शीतला प्रसाद वर्मा, सिधौली सीतापुर स्टेशन रोड के अशुतोष कुमार वाजपेयी और सीतापुर ढकबा अटरिया के मोहन लाल पांडेय के नाम शामिल हैं।






