लखनऊ,7 नवंबर 2024
उत्तर प्रदेश में एलाइड इंजिनियरिंग वर्क्स (AEW) के स्मार्ट प्री-पेड मीटर तकनीकी जांच में गलत लोड फैक्टर और हर दो घंटे में आरटीसी ड्रिप जैसी समस्याएं सामने आई हैं। पावर कॉरपोरेशन की आईटी टीम ने इन खामियों की पुष्टि की है। डायरेक्टर (कमर्शल) निधि कुमार नारंग ने तीनों कंपनियों को नोटिस जारी कर कमियां तुरंत ठीक करने के आदेश दिए हैं और समस्याओं के समाधान के लिए डीटेल्ड ऐक्शन प्लान और टाइमलाइन साझा करने को कहा है।
उत्तर प्रदेश में सभी 3 करोड़ 45 लाख उपभोक्ताओं के पुराने मीटर बदलकर स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने का काम चल रहा है, जिसमें AEW के मीटर तकनीकी खामियों के कारण सवालों के घेरे में हैं। करीब पौने तीन लाख घरों में ये मीटर लगाए जा चुके हैं, लेकिन कोई भी प्री-पेड मोड में काम नहीं कर रहा है। पावर कॉरपोरेशन की आईटी जांच में गंभीर तकनीकी खामियां सामने आईं, जिसके बाद जीएमआर, पोलरिस, और इंटली स्मार्ट के सीईओ को नोटिस दिया गया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा पहले भी क्वॉलिटी को लेकर चेतावनी दे चुके हैं, खासकर चीनी कंपोनेंट के उपयोग पर।
पावर कॉरपोरेशन की तकनीकी टीम की जांच में पता चला है कि स्मार्ट प्री-पेड मीटर पावर फैक्टर गलत रिकॉर्ड कर रहे हैं, हर 2 घंटे में आरटीसी ड्रिप हो रही है, और प्राइमरी व सेकेंडरी वोल्टेज का रेशियो गलत दिखा रहे हैं। इसके अलावा, गलत मल्टीप्लाइंग फैक्टर भी दर्ज हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, ये सभी खामियां स्मार्ट मीटरों के मुख्य मानकों में आती हैं, जिससे सही वोल्टेज और रीडिंग मिलना संभव नहीं होगा।
प्रदेश में अब तक पौने तीन लाख स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा चुके हैं, लेकिन कोई भी प्री-पेड मोड में सक्रिय नहीं हुआ है और सभी पोस्टपेड मोड में ही चल रहे हैं। अधिकारियों ने कहा था कि सभी पहलुओं पर संतुष्टि के बाद ही प्री-पेड मोड शुरू किया जाएगा। हाल में आईटी टीम की जांच में खामियां सामने आने से सवाल उठ रहे हैं कि क्या पावर कॉरपोरेशन को इन कमियों की पहले से जानकारी थी। अगर ऐसा है, तो यह गंभीर मामला है, और आगे लगने वाले मीटरों में सुधार की जरूरत है।