प्रयागराज,6 जनवरी 2025
महंत गीतानंद गिरि, जिन्हें रुद्राक्ष वाले बाबा के नाम से जाना जाता है, ने छह साल पहले अर्द्धकुंभ के दौरान हठयोग शुरू किया था और 12 साल तक रोज़ 12 घंटे सिर पर सवा लाख रुद्राक्ष धारण करने का संकल्प लिया था। उनका संकल्प सनातन धर्म और मानवता की रक्षा के लिए था, और समय से पहले ही वह 225,000 रुद्राक्ष का लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं। उनका मुकुट अब 45 किलो वजन का हो गया है, जिसमें सवा लाख रुद्राक्ष के अलावा 25,000 माला भी शामिल हैं।
बाबा का दिन सुबह चार बजे से शुरू होता है और उनका धूना दिनभर भक्तों से गुलजार रहता है। वह पंजाब के कोट का पुरा में गुरु के आश्रम में निवास करते हैं और संस्कृत विद्यालय से 10वीं तक की पढ़ाई की है। उनका यह संकल्प महाकुंभ के बाद अगले प्रयाग कुंभ में पूरा हो जाएगा, और बाद में वह इस मुकुट को संगम में प्रवाहित कर देंगे।