
लखनऊ, 19 सितंबर 2025 :
यूपी की राजधानी लखनऊ में एलडीए की प्रियदर्शनी/जानकीपुरम योजना के भूखंडों के आवंटन में घपले की जांच में लगी विजिलेंस की टीम ने एफआईआर दर्ज करा दी है। इसमें राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव की मां अंबी बिष्ट व अन्य चार अफसरों को नामजद किया गया है। बता दें कि अंबी बिष्ट एलडीए की तत्कालीन सम्पत्ति अधिकारी हैं।
बताया गया कि वर्ष 2016 में शासन ने लखनऊ में प्रियदर्शनी/जानकीपुरम योजना के भूखंडों के आवंटन में परिवर्तन कर उनके पंजीकरण में धांधली की शिकायत पर वर्ष विजिलेंस की खुली जांच का निर्देश दिया था। इसके बाद एलडीए के तत्कालीन लिपिक स्वर्गीय मुक्तेश्वर नाथ ओझा की भूमिका को केंद्र मव रखकर जांच शुरू की गई। जांच में एलडीए के अन्य कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई। विधि विज्ञान प्रयोगशाला से तत्कालीन लविप्रा कर्मियों के हस्ताक्षरों का मिलान भी कराया गया था, जिसमें पुष्टि होने पर विजिलेंस को गड़बड़ी के ठोस सुराग मिले।
जांच में पता चला कि तत्कालीन अनुभाग अधिकारी वीरेन्द्र सिंह के हस्ताक्षर से भूखंड कब्जा पत्र जारी किए गए व नोटिंग पर भी हस्ताक्षर पाए गए। तत्कालीन उपसचिव देवेन्द्र सिंह के हस्ताक्षर से आवंटियों को आवंटन पत्र जारी किए गए व नोटिंग पर हस्ताक्षर मिले। जांच प्रक्रिया के बाद सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने इस गड़बड़ी के मामले में सपा संस्थापक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की समधन अंबी बिष्ट समेत अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है। अंबी बिष्ट एलडीए की तत्कालीन संपत्ति अधिकारी हैं। वह मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की सास हैं वहीं प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव इस समय राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष हैं। अंबी बिष्ट के अलावा तत्कालीन अनुभाग अधिकारी वीरेन्द्र सिंह, उप सचिव देवेन्द्र सिंह राठौर, वरिष्ठ कास्ट अकाउंटेंट सुरेश विष्णु महादाणे व अवर वर्ग सहायक शैलेन्द्र कुमार गुप्ता के दोषी पाए जाने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करवाई गई है।