
हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर,2 अप्रैल 2025:
29 जनवरी को प्रयागराज में अमृत स्नान महाकुंभ के दौरान भगदड़ में गोरखपुर जिले की रहने वाली कमलावती देवी की दुखद मृत्यु हो गई। वह कैंट थाना क्षेत्र के बांसगांव कॉलोनी, बिलंदपुर की निवासी थीं और 28 जनवरी को अकेले अमृत स्नान के लिए प्रयागराज संगम पहुंची थीं। भगदड़ के दौरान उनकी मौत हो गई, जिसके बाद सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया था।

कमलावती देवी के परिवार से जब सहायता मिलने के बाद बात की गई तो उन्होंने बताया कि सरकार ने जो वादा किया था, उसे निभाया। कमलावती देवी के चार बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे और दो बेटियां शामिल हैं। उनके पति का पहले ही निधन हो चुका था। उनका जीवन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना और अपने बच्चों के पालन-पोषण में समर्पित था। उनका परिवार शांत स्वभाव का है और इस घटना के बाद भी उन्होंने धैर्य बनाए रखा।
भगदड़ के दौरान जब बच्चों ने टीवी पर मां की तस्वीर देखी तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। उन्होंने अपने बड़े भाई को प्रयागराज भेजा, जहां प्रशासनिक अमले से पूछताछ के बाद कमलावती देवी के बड़े बेटे ने मर्चरी में लगी अज्ञात मृतकों की तस्वीरों में अपनी मां को पहचान लिया। प्रशासन की ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनके पार्थिव शरीर को एंबुलेंस से गोरखपुर लाया गया। कैंट थाने में आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद बच्चों को पार्थिव शरीर सौंप दिया गया, जिसके बाद उन्होंने सनातन धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया।

25 लाख रुपये की सहायता मिलने के बाद बच्चों ने कहा कि सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा किया। हालांकि, मां की कमी हमेशा खलेगी, लेकिन यह एक अनहोनी घटना थी, जिसे कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने इसे समय का बदलाव और विधि का विधान मानते हुए सरकार के प्रति आभार जताया कि उसने अपने वादे को निभाया।






