
लखनऊ, 2 अक्टूबर 2025 :
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित जिला जेल में बंद सपा नेता और पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर जिला जेल में मंगलवार को हुए हमले के मामले में एक अन्य बंदी पर एफआईआर दर्ज की गई। डीआईजी जेल का कहना है कि ये हमला किसी साजिश का हिस्सा नहीं बल्कि एक आकस्मिक घटना थी। एक अन्य बंदी ने उनकी बात पर गुस्से में आकर चोट पहुंचाई थी।
बता दें कि पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति पर दो दिन पूर्व हुए हमले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने न्यायिक जांच की मांग की थी। वहीं उनकी पत्नी व अमेठी से विधायक महाराजी देवी ने भी जेल में सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। घायल गायत्री प्रजापति का केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में उपचार कराया गया। सिर में आये जख्मों पर टांके लगाए गए। अब उनकी हालत बेहतर बताई गई है।
हमले को लेकर उठ रहे सवालों पर जेल प्रशासन के अफसरों ने पूरे मामले की जांच की। इस संबंध में जेल में मौजूद एक अन्य बंदी विश्वास राजपूत के खिलाफ जेलर राजेश ने एफआईआर दर्ज करवाई है। विश्वास राजपूत, हत्या के मामले में सआदतगंज से गिरफ्तार होकर पिछले दो साल से जेल में बंद है।
मंत्री पर हमले की घटना के दिन वो सफाई ड्यूटी पर तैनात था।
इसी दौरान उसका पूर्व मंत्री से विवाद हो गया और उसने अस्पताल की अलमारी का स्लाइडिंग हिस्सा उठाकर प्रजापति पर हमला कर दिया। डीआईजी जेल डॉ. रामधनी ने बताया कि हमलावर बंदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई साजिश नहीं बल्कि आपसी विवाद में हुई आकस्मिक घटना है।