
एमएम खान
लखनऊ, 13 अक्टूबर 2025 :
यूपी की राजधानी में लखनऊ के निगोहां क्षेत्र के किसानों को इस बार डीएपी खाद पाने के लिए नए नियमों की वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब बिना समिति सदस्य बने और फार्मर आईडी के कोई भी किसान खाद नहीं पा सकेगा। इस व्यवस्था से किसान बेहद नाराज हैं और समिति से खाली हाथ लौट रहे हैं।
सोमवार को निगोहां के बैरिसालपुर स्थित बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति में दर्जनों किसान डीएपी खाद के लिए पहुंचे। लेकिन वहां समिति सचिव सलमान ने साफ कहा कि जब तक किसान समिति का सदस्य नहीं बनता और फार्मर आईडी नहीं बनवाता, उसे खाद नहीं दी जाएगी। कई किसानों ने बताया कि समिति सदस्य बनाने और फार्मर आईडी के नाम पर उनसे ₹226 रुपए वसूले जा रहे हैं। किसानों ने इसे “लूट” बताया और कहा कि यह व्यवस्था गलत समय पर लागू की गई है, जब आलू, सरसों और गेहूं की बुवाई के लिए खाद की सख्त जरूरत है।
किसान रामसनेही, अवधेश, धर्मेन्द्र सहित कई अन्य ने बताया कि समिति में जाकर उन्हें बताया गया कि सदस्य बनने के लिए दो फोटो, आधार कार्ड की कॉपी और खतौनी की कॉपी के साथ ₹226 रुपए देने होंगे, तभी उन्हें खाद मिल सकेगी। इससे नाराज किसान मायूस होकर लौट गए।
निगोहां क्षेत्र के शेरपुर लवल गांव के किसान अब और बड़ी समस्या में फंस गए हैं। गांव में चकबंदी के चलते खतौनी निकलना बंद है। ऐसे में किसानों के सामने सवाल है कि जब खतौनी ही नहीं निकल रही, तो वे फार्मर आईडी कैसे बनवाएं और खाद कैसे लें?किसान श्रवण ने बताया कि वे सुबह से समिति के चक्कर काटते रहे, लेकिन बिना खतौनी फार्मर आईडी नहीं बन सकी और उन्हें बिना खाद लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार अगर फॉर्मर आईडी को अनिवार्य कर रही है, तो खतौनी निकालने की प्रक्रिया भी तुरंत शुरू करवानी चाहिए, वरना किसान बुवाई कैसे करेंगे?