लखनऊ, 5 मार्च 2025:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहमान खेड़ा इलाके में 90 दिनों से दहशत फैलाए बाघ को वन विभाग की टीम ने बुधवार शाम ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया। इस बाघ के कारण आसपास के 60 गांवों के हजारों लोग डर के साये में जी रहे थे। अब तक यह बाघ 24 जानवरों का शिकार कर चुका था।
दहशत में थे रहमान खेड़ा इलाके के हजारों ग्रामीण
रहमान खेड़ा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में बाघ की मौजूदगी से लोग काफी भयभीत थे। कई बार ग्रामीणों ने इसे खुले में घूमते देखा, जिससे खेती और पशुपालन पर भी असर पड़ा। बाघ के हमलों के कारण लोगों को रात में घर से निकलने में डर लगने लगा था।
पकड़ने में 90 लाख से अधिक हुआ खर्च
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने बड़े स्तर पर अभियान चलाया, जिसमें 90 लाख रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। विशेषज्ञों की मदद से उसे ट्रेंकुलाइज करने की प्रक्रिया पूरी की गई।
ड्रोन और कैमरा ट्रैप से ट्रैकिंग
वन विभाग की टीम ने कैमरा ट्रैप, ड्रोन और स्थानीय ग्रामीणों की सूचनाओं के आधार पर बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी। कई बार उसे पकड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वह हर बार बच निकलता था। आखिरकार, विशेषज्ञों की मदद से उसे ट्रेंकुलाइज कर लिया गया।
बाघ की होगी मेडिकल जांच
ट्रेंकुलाइज करने के बाद बाघ को बख्शी का तालाब (बीकेटी) रेंज कार्यालय ले जाया गया, जहां वन्यजीव चिकित्सकों की टीम उसका स्वास्थ्य परीक्षण करेगी। यदि वह पूरी तरह स्वस्थ पाया जाता है, तो उसे किसी सुरक्षित जंगल या टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा। अन्यथा, उसे पुनर्वास केंद्र में रखा जाएगा।