Uttar Pradesh

लखनऊ मेट्रो : 12 किमी लंबे विस्तार को पीआईबी की मंजूरी, केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति का इंतजार

लखनऊ, 21 मई 2025:

लखनऊ मेट्रो रेल सेवा के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। चारबाग से वसंत कुंज तक प्रस्तावित 12 किमी लंबे ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को लोक निवेश बोर्ड (PIB) की स्वीकृति मिल गई है। अब यह परियोजना अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट को भेज दी गई है।

पिछले शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में हुई पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें संबंधित विभागों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

चारबाग से वसंत कुंज तक बनेंगे 12 स्टेशन, 5801 करोड़ की लागत

यह नया कॉरिडोर लखनऊ मेट्रो के पहले से संचालित नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर से जुड़ेगा, जिसका इंटरचेंज स्टेशन चारबाग होगा। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की कुल लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी, जिसमें 6.879 किमी भूमिगत और 4.286 किमी एलिवेटेड सेक्शन शामिल है। इस रूट पर कुल 12 स्टेशन होंगे। 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड।

प्रस्तावित स्टेशनों में चारबाग, गौतम बुद्ध नगर, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा, चौक (भूमिगत), और ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग, वसंत कुंज (एलिवेटेड) शामिल हैं। इस परियोजना की अनुमानित लागत 5801 करोड़ रुपए बताई गई है।

राज्य और एनपीजी की पहले ही मिल चुकी है सहमति

इस कॉरिडोर की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को मार्च 2024 में उत्तर प्रदेश सरकार की अनुशंसा प्राप्त हुई थी। इसके बाद 9 जुलाई को नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) ने भी इसकी संस्तुति दी थी। यह कॉरिडोर पुराने लखनऊ के प्रमुख व्यावसायिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों जैसे अमीनाबाद, चौक, ठाकुरगंज को वसंतकुंज जैसे नवविकसित क्षेत्रों से जोड़ेगा। इससे न केवल आवागमन सुलभ होगा बल्कि शहर के पर्यटन, रोजगार और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।

यूपीएमआरसी का लक्ष्य, समय से पहले कार्य पूर्ण करना

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने इस स्वीकृति पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि लखनऊवासियों को विश्वस्तरीय, सुरक्षित और सुविधाजनक मेट्रो सेवा का लाभ जल्द ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले की तरह इस परियोजना को भी निर्धारित समय से पूर्व पूरा करने की कोशिश की जाएगी।

निर्माण कार्य कैबिनेट मंजूरी के बाद होगा शुरू

परियोजना को पूरा करने में लगभग 4 से 5 वर्षों का समय लगने का अनुमान है। यूपीएमआरसी ने पहले ही परियोजना से जुड़े अधिकांश तकनीकी और ग्राउंडवर्क पूरे कर लिए हैं। केंद्रीय कैबिनेट से अंतिम स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा।

फिलहाल लखनऊ में 21 स्टेशनों के साथ सीसीएस एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक 23 किमी लंबा नॉर्थ-साउथ मेट्रो कॉरिडोर संचालित है। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के जुड़ने से शहर में मेट्रो नेटवर्क 35 किमी लंबा हो जाएगा।

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