
लखनऊ, 12 जून 2025
यूपी की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग स्थित अमीरूद्दौला लाइब्रेरी ज्ञानवर्द्धक किताबों के साथ ऐतिहासिक विरासत को भी सहेजेगी। लाइब्रेरी परिसर में देश के प्रतिष्ठित प्रकाशक मुंशी नवल किशोर के नाम से म्युजियम बनाया जाएगा। यह म्युजियम न केवल उनके योगदान को सम्मानित करेगा, बल्कि लखनऊ की समृद्ध छापाखाना संस्कृति और साहित्यिक विरासत को भी सामने लाएगा।
इस परियोजना का खाका लखनऊ विकास प्राधिकरण ने तैयार किया है। इसका प्रस्तुतीकरण गुरुवार को एलडीए की अध्यक्ष एवं लखनऊ की मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब के समक्ष किया गया। एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि मुंशी नवल किशोर ने 1858 में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना कर हिंदी, उर्दू, संस्कृत, अरबी, अंग्रेजी, बंगाली, पंजाबी और मराठी सहित कई भाषाओं में 5,000 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन किया था।
उनकी स्मृति में अमीरूद्दौला लाइब्रेरी के एक हिस्से को ‘नवल किशोर म्युजियम’ में बदला जाएगा, जिसकी लागत लगभग 2 करोड़ रुपये होगी। म्युजियम में पुरानी प्रिंटिंग मशीनें, ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स, परिधान, मूर्तियां और अन्य विंटेज वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। साथ ही, साउंड स्केपिंग और इंटरैक्टिव डिस्प्ले यूनिट के माध्यम से आगंतुकों को एक विशेष अनुभव और ज्ञानवर्द्धक जानकारी मिलेगी।
इस परियोजना के तहत लाइब्रेरी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आधुनिक बनाया जाएगा। इंट्री प्वाइंट को नया रूप दिया जाएगा और आकर्षक स्कल्पचर्स लगाए जाएंगे। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि म्युजियम को हेरिटेज लुक में तैयार किया जाए, ताकि लोग इस ऐतिहासिक धरोहर से जुड़ सकें। इस बैठक में एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।






