लखनऊ, 6 अप्रैल 2025:
पहलगाम हमले के बाद युद्ध जैसे हालातों की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में मॉक ड्रिल की तैयारियां जोरों पर हैं। लखनऊ में मंगलवार को आपात स्थिति से निपटने के लिए
सिविल डिफेंस की ओर से मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें आम लोगों को हमले की स्थिति में बचाव के उपाय सिखाए गए।
घायलों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने की दी ट्रेनिंग
लखनऊ पुलिस लाइंस में जैसे ही सायरन बजा, वहां मौजूद लोग तुरंत जमीन पर लेट गए और अपने कान बंद कर लिए। मॉक ड्रिल के दौरान बताया गया कि गोली लगने, बम धमाकों या आग लगने की स्थिति में क्या-क्या एहतियात बरतनी चाहिए। घायलों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने और आग पर काबू पाने की विधियों का भी अभ्यास कराया गया।
एयर रेड सायरन और ब्लैकआउट का अभ्यास
ड्रिल के दौरान एयर रेड वॉर्निंग सायरन बजाकर लोगों को हमले की चेतावनी देने की प्रक्रिया सिखाई गई। साथ ही क्रैश ब्लैकआउट और एवैक्यूएशन प्लान का अभ्यास कराया गया ताकि हमले की स्थिति में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि 7 मई को प्रदेश के 19 जिलों में एक साथ सिविल डिफेंस की ओर से मॉक ड्रिल की जाएगी। इससे पहले इस स्तर की मॉक ड्रिल वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान हुई थी।
लखनऊ में 1500 सदस्य तैयार, रात में किया जाएगा अलर्टनेस टेस्ट
सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन अमरनाथ मिश्र ने बताया कि लखनऊ में 18 डिवीजन हेड्स के साथ 1500 सदस्यों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। कल रात के समय इनकी सक्रियता की जांच की जाएगी। डीएम के आदेश पर डीसीपी सेंट्रल क्षेत्र में मॉक ड्रिल कर तैयारियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
जनता को जागरूक करने का उद्देश्य
चीफ वार्डन अमरनाथ मिश्र ने बताया कि सरकार के निर्देश पर यह मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य जनता को आपात स्थिति में स्वयं को सुरक्षित रखने के तरीकों के प्रति जागरूक करना है। इस बार का परिदृश्य बम धमाकों और हमलों के इर्द-गिर्द तैयार किया गया है, जिसमें रेस्क्यू ऑपरेशन और लोगों को सुरक्षित निकालने की रणनीति का अभ्यास कराया जा रहा है।