लखनऊ, 11 दिसंबर 2024:
कविता की नजाकत, कहानियों की गहराई, अवधी का जादू, रंगमंच के रंग, फिल्मों की बातें, किताबों के रहस्य और गूढ़ साहित्य संग नई कलम की जुगलबंदी। ये सब कुछ एक जगह पर मिलेगा। ये सारे फ्लेवर चाहिएं तो पहुंच जाइए लखनऊ के गोमतीनगर में सीआईआई भवन परिसर में 14 और 15 दिसंबर को। इन दो दिनों में आपको जेहनी खुराक देने आ रहा है मेटाफर लिटफेस्ट 2024।
लखनऊ रंगमंच के पितामह प्रो. राज बिसारिया को किया जाएगा याद
कई वर्षों से ये फेस्टिवल लखनऊ में हो रहा है। इस बार भी कला, संस्कृति, साहित्य और रंगमंच के ढेरों नए कलेवर लेकर मेटाफर का मंच एक बार फिर तैयार है। 14 दिसंबर को इसकी शुरुआत होगी लखनऊ में रंगमंच के पितामह माने जाने वाले प्रो. राज बिसारिया को श्रद्धांजलि देने के साथ। इसके बाद लिटफेस्ट का कारवां चलेगा अवधी भाषा की खुशबू समेटने जिसमें पद्मश्री डॉ. विद्याबिन्दु सिंह, यतीन्द्र मिश्रा, प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित और प्रो. शोभा बाजपेई जैसे हिन्दी और अवधी के विद्वान अपने विचार साझा रखेंगे।
पंचायत वेब सीरीज के प्रहलाद चा भी मिलेंगे
इसके अलावा लिटफेस्ट में आपकी मुलाकात फैसल मलिक मतलब पंचायत वेब सीरीज के प्रहलाद चा से भी होगी। इसके अलावा बेस्ट सेलिंग राइटर दिव्य प्रकाश दुबे, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञ सौरभ यादव भी एक साथ दिखेंगे। क्रिएटिव राइटिंग कॉन्टेस्ट होगा, जिसमें हिन्दी या अंग्रेज़ी में प्रोज़ या कविता पर रील बनानी होगी। सादिया सिद्दीकी अपने अंदाज में कहानी, कविताओं की बातें करेंगी।
रूबरू होंगे कलाकार और फिल्मकार
आईपीएस एपी महेश्वरी की किताब पर चर्चा होगी और लखनऊ के कलाकारों का स्पेशल सेशन होगा। लखनऊ की तारीख, तहजीब और जुबान पर बातें होंगी। सुधीर मिश्रा, प्रकाश झा, अतुल तिवारी, संध्या मृदुल जैसे कलाकारों, फिल्मकारों से आप रूबरू हो सकेंगे। 15 दिसंबर की शाम मेटाफर के गुलदस्ते में आखिरी फूल सजाएंगीं पं. बिरजू महाराज की शिष्या कथक कलाकार शिवानी वर्मा।