लखनऊ,26 फरवरी 2025:
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के काकोरी के रहमानखेड़ा जंगल में घूम रहे बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की कोशिशें लगातार विफल हो रही हैं। डीएफओ, नोडल अधिकारी और वेटनरी डॉक्टरों की लापरवाही सामने आ रही है। सोमवार रात एक बार फिर बाघ पिंजरे के अंदर बंधे पड़वे के पास आया, लेकिन बिना शिकार किए ही चला गया। ट्रैप कैमरों में बाघ कैद हुआ, लेकिन टीम उसे पकड़ने में असफल रही।
मीठे नगर और हाफिजखेड़ा गांव में बाघ की दहाड़ सुनने के बाद ग्रामीणों ने खेतों में जाना बंद कर दिया है। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि बाघ को फांसने के लिए संस्थान के आम बाग में पिंजरा लगाकर बकरी को बांधा गया है, ताकि उसकी आवाज से बाघ आकर्षित हो सके।
लोगों का कहना है कि बाघ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारी अनुभवहीन हैं, जिससे अभियान असफल हो रहा है। 85 दिन बीतने के बावजूद वन विभाग बाघ को पकड़ने में नाकाम साबित हुआ है, जिससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है।