लखनऊ, 20 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र में नए ट्रेडों पर लाइसेंस शुल्क लगाए जाने के प्रस्ताव के विरोध में शनिवार को सैकड़ों व्यापारियों ने नगर निगम मुख्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। लखनऊ व्यापार मंडल के तत्वावधान में हुए इस प्रदर्शन में व्यापारियों ने नगर निगम प्रशासन पर जबरन टैक्स थोपने और बुनियादी सुविधाएं दिए बिना कर वसूली करने का आरोप लगाया।
धरने के दौरान लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने कहा कि व्यापारी वर्ग पहले ही अत्यधिक कमर्शियल टैक्स के बोझ तले दबा हुआ है। दुकानों पर हाउस टैक्स अदा करने के बावजूद, व्यापारियों से जल एवं सीवर टैक्स भी वसूला जा रहा है जबकि अधिकांश बाजारों में न तो जल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था है और न ही सीवर की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में बिना सुविधा दिए कर वसूलना सरासर अन्याय है।

उन्होंने बताया कि अमीनाबाद, नक्खास, अकबरी गेट, आलमबाग, बुद्धेश्वर, बालागंज, रकाबगंज पुल से सब्जी मंडी मार्ग सहित शहर के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में अतिक्रमण, अव्यवस्थित यातायात, पार्किंग की भारी कमी, गंदगी और पेयजल के अभाव जैसी गंभीर समस्याएं हैं। इन समस्याओं के समाधान के बजाय नए लाइसेंस शुल्क लगाना व्यापारियों की कमर तोड़ने जैसा कदम है।
अमरनाथ मिश्र ने यह भी याद दिलाया कि इससे पूर्व 5 सितंबर 2024 को नगर निगम द्वारा 21 नए ट्रेडों पर लाइसेंस शुल्क लगाए जाने का प्रस्ताव लाया गया था, जिसे स्थानीय सांसद एवं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के हस्तक्षेप के बाद 13 सितंबर 2024 को नगर निगम की कार्यकारिणी ने निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद उसी प्रस्ताव को पुनः लाना अधिकारियों की हठधर्मिता और व्यापारी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
धरने पर मौजूद व्यापार मंडल के चेयरमैन राजेन्द्र कुमार अग्रवाल, वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा, कोषाध्यक्ष देवेन्द्र गुप्ता, महामंत्री जितेंद्र सिंह चौहान, अनुराग मिश्र, उमेश शर्मा, युवा अध्यक्ष मनीष गुप्ता आदि ने कहा कि जब व्यापारी जल और सीवर सुविधाओं का उपयोग ही नहीं कर रहा तो उससे इस मद में कर वसूली पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने सरकार से अधिनियम में संशोधन कर इस विसंगति को दूर करने की मांग की।

व्यापारियों ने चेतावनी दी कि यदि नगर निगम ने यह प्रस्ताव वापस नहीं लिया तो शहरव्यापी आंदोलन किया जाएगा। इस बीच धरना स्थल पर पहुंचीं महापौर सुषमा खर्कवाल ने व्यापारियों की समस्याएं सुनीं। अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने बताया कि ज्ञापन पढ़कर सुनाए जाने के बाद महापौर ने स्पष्ट आश्वासन दिया कि कोई भी नया लाइसेंस शुल्क लागू नहीं किया जाएगा।
महापौर ने कहा कि ये नए लाइसेंस शुल्क के प्रस्ताव की बात करना अधिकारियों द्वारा पार्टी को बदनाम करने की साजिश थी। उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और आपात बैठक बुलाकर इस शुल्क को हमेशा के लिए समाप्त करने का भरोसा दिलाया। महापौर के इस आश्वासन के बाद व्यापारियों ने तालियों के साथ उनका स्वागत किया और धरना शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हुआ।
धरना में मनीष वर्मा, शशि शुक्ला, सतीश अग्रवाल, अनिल बजाज, विनोद अग्रवाल, रविन्द्र गुप्ता, संजीव अग्रवाल, विनोद पंजाबी, नीरज जौहर, अरविंद पाठक रामकुमार वर्मा, रमेश मिश्र, लल्लन यादव, पिन्दू गुप्ता, रिजवान, नीरज गुप्ता, कपिल नरेश, राजू शुक्ला, प्रशान्त गर्ग, अनस शमसी, विशाल गुप्ता, नवीन गुप्ता, सतीश शर्मा, सुरेश कुमार, नितिन जैन, राकेश अग्रवाल, इमरान कुरैशी, राजेश अग्रवाल, मनोज वर्मा, राजेंद्र सिंह दुआ, मंजीत सिंह, रामशंकर वर्मा, जितेंद्र प्रसाद कनोजिया, अजित वर्मा, सुशील निगम, अनिल वर्मा, शिवा यादव सहित बड़ी संख्या में व्यापारी शामिल हुए।






