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लखनऊ के ट्रैफिक ‘रोग’ का होगा इलाज : जानें क्या है फ्लाईओवर, पार्किंग, वन-वे का मास्टर स्ट्रोक

​लखनऊ, 14 अक्टूबर 2025:

​यूपी की राजधानी लखनऊ के लोगों के लिए राहत वाली खबर है। शहर की प्रमुख सड़कों, चौराहों और यहां तक कि हाईवे पर भी सुबह से रात तक वाहन चालकों को हलकान कर रहे ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए एक ठोस पहल शुरू की गई है। इसके तहत कंप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) का विस्तृत खाका प्रस्तुत किया गया। इसके माध्यम से लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने की दिशा में बड़े बदलाव की तैयारी की है।

​योजना में क्या है खास

​प्रस्तुत योजना में ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

​नए फ्लाईओवर : शहर के अत्यधिक व्यस्त मार्गों पर नए फ्लाईओवरों के निर्माण का प्रस्ताव।

​पार्किंग और वेंडिंग जोन : व्यवस्थित पार्किंग स्थलों और वेंडिंग जोन के निर्माण से सड़कों पर हो रहे अतिक्रमण को कम करने की योजना।

​वन-वे सिस्टम : भीड़भाड़ वाले चौराहों को वन-वे कर ट्रैफिक के प्रवाह को बेहतर बनाने का सुझाव।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर रहेगा फोकस

​योजना प्रस्तुत करने वाली संस्था ने स्पष्ट किया कि सीएमपी का मुख्य फोकस सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने पर है। इसके तहत सड़क ढांचे में सुधार के साथ-साथ यातायात के वैकल्पिक साधनों के समन्वित उपयोग पर जोर दिया गया है, जिसका अंतिम लक्ष्य निजी वाहनों पर निर्भरता को घटाना है। अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव ने इसे ‘लखनऊ को सस्टेनेबल अर्बन मोबिलिटी मॉडल सिटी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम’ बताया।

​स्टेकहोल्डर्स ने दिए सुझाव

​सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी, उद्योग संघों, विभिन्न सामाजिक संगठनों, टैंपो-टैक्सी एवं ऑटो संयुक्त मोर्चा, ई-रिक्शा एंड ई-ऑटो चालक संयुक्त मोर्चा जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया। प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि लखनऊ की बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या को देखते हुए इन योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से और स्थायी समाधान के रूप में लागू किया जाना चाहिए।

​क्रियान्वयन के लिए समन्वय

​बैठक में यह एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, स्मार्ट सिटी मिशन और लखनऊ मेट्रो रेल कॉपोरेशन के बीच मजबूत समन्वय स्थापित किया जाएगा। सभी संगठनों से लिखित सुझाव मांगे गए हैं, ताकि अंतिम ड्राफ्ट को और अधिक व्यापक बनाया जा सके। यह समन्वय ही इस महत्वाकांक्षी योजना की सफलता की कुंजी साबित होगा। ​इस पहल से उम्मीद है कि आने वाले समय में लखनऊ के लोगों को जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी और शहर की मोबिलिटी एक नए स्तर पर पहुंचेगी।

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