लखनऊ, 2 दिसंबर 2025:
लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान शहर के करामत डिग्री कॉलेज की हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. बीना पांडेय अचानक फिसलकर गिरकर घायल होने से अफरातफरी मच गई। हादसा इतनी अचानक हुआ कि कार्यक्रम में मौजूद शिक्षक और छात्र एक क्षण के लिए स्तब्ध रह गए। गिरने के बाद डॉ. पांडेय अचेत हो गईं जिसके बाद मौके पर उनकी देखभाल के लिए लोगों की भीड़ जुट गई।
स्थिति गंभीर देख विश्वविद्यालय प्रशासन को एम्बुलेंस बुलाने के लिए कहा गया लेकिन उसके आने में काफी समय लग गया। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार एम्बुलेंस आने में लगभग आधा घंटा बीत गया, जिससे छात्रों और स्टाफ में नाराजगी फैल गई। लोगों का कहना था कि विश्वविद्यालय जैसे बड़े संस्थान में आपात स्थितियों से निपटने की व्यवस्था इतनी धीमी नहीं होनी चाहिए।
परेशानी तब और बढ़ गई जब देर से पहुंची एम्बुलेंस में स्ट्रेचर तक मौजूद नहीं था। डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ के बजाय छात्रों और कर्मचारियों को मिलकर डॉ. पांडेय को उठाकर एम्बुलेंस तक ले जाना पड़ा। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई है।
इस घटना के बाद छात्र संगठनों में आक्रोश साफ दिखाई दिया। समाजवादी छात्र सभा और एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य सेवाएं बेहद सीमित हैं।
उनका कहना है कि मेडिकल यूनिट में जरूरी दवाइयां भी अक्सर उपलब्ध नहीं रहतीं। एम्बुलेंस सेवा की दशा किसी से छिपी नहीं है। छात्रों ने मांग की कि कैंपस में तत्काल प्रभाव से प्राथमिक उपचार, एम्बुलेंस, मेडिकल स्टाफ और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी आपात स्थिति का सामना आसानी से किया जा सके।






