
महाकुंभ नगर, 24 जनवरी 2025
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को सम्पन्न हुई। इस बैठक में देशभर के प्रमुख संतों ने भाग लिया। विहिप की वैधानिक इकाई के रूप में यह मार्गदर्शक मंडल विहिप के कार्यों को दिशा प्रदान करता है। बैठक के उपरांत आयोजित प्रेस वार्ता में जगतगुरु आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद जी, विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष श्री आलोक कुमार जी, और केंद्रीय महामंत्री श्री बजरंग लाल बागड़ा जी ने बैठक में हुई चर्चाओं को साझा किया।

बैठक के मुख्य बिंदु:
हिंदू मंदिरों की स्वतंत्रता:
संत समाज ने हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में शुरू हुए जागरण अभियान का समर्थन किया और भक्तों को मंदिर प्रबंधन सौंपने की अपील की।
हिंदू समाज में जनसंख्या संतुलन:
संतों ने हिंदू समाज की घटती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए हर हिंदू परिवार से तीन बच्चों के जन्म का आह्वान किया।
वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर नियंत्रण:
संत समाज ने केंद्र सरकार के प्रस्तावित कानून सुधार का समर्थन करते हुए सांसदों से इसे पारित करने की अपील की।
अयोध्या, मथुरा और काशी:
संतों ने हिंदू समाज को आश्वासन दिया कि तीनों मंदिरों की मुक्ति के लिए उनका संकल्प अटूट है।
राष्ट्रीय चारित्र्य और सामाजिक सुधार:
संत समाज ने सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और परिवारों में हिंदू संस्कारों के महत्व को रेखांकित किया।
इस बैठक में जगतगुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती जी, स्वामी चिदानंद मुनि जी, महामंडलेश्वर बालकानंद जी, और अन्य प्रमुख संत उपस्थित रहे। उन्होंने समाज को जागरूक करने के लिए गहन विचार साझा किए और आह्वान किया कि हिंदू समाज को अपनी संस्कृति और संस्कारों को संरक्षित रखना चाहिए।

संतों ने इस बात पर भी जोर दिया कि इंटरनेट के युग में इनरनेट (आंतरिक विकास) पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने श्रद्धा और सहयोग के महत्व को प्रतिस्पर्धा से ऊपर रखने की आवश्यकता पर बल दिया।