
महाकुंभ नगर 24 जनवरी 2025:
यूपी के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बसे स्वच्छ सुजल गांव बुंदेलखंड की बदली तस्वीर का साक्षी बना है। तीन पीढयों से एक-एक बूंद पानी और उससे उपजे अन्य संकटों से संघर्ष करने वाले बुंदेलखंड में जल जीवन मिशन से क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब लहलहाती फसलें हैं हर घर नल हैं और सबकी प्यास बुझ रही है। सेक्टर सात में बना स्वच्छ सुजल गांव पहले और आज के बदले हुए बुंदेलखंड की तस्वीर बयां कर रहा है।

जल जीवन मिशन में बह गई बदहाली, अब छाई खुशहाली
महाकुंभ के सेक्टर सात में बने जल जीवन मिशन के स्वच्छ सुजल गांव पंडाल में बुंदेलखंड की दो तस्वीरें हैं। एक तस्वीर बुंदेलखंड की बदहाली की दास्तां को बयां कर रहीं हैं, तो वहीं बगल में बने जल जीवन मिशन की वजह से बदल चुके बुंदेलखंड की तस्वीरें हैं। बदहाल बुंदेलखंड में कच्चे रास्ते, बदहाल मकान, सूखते तालाब, बर्बाद होते रोते किसानों की पीड़ा है। जहां पानी के टैंकर से पानी की एक-एक बूंद का संघर्ष है तो वहीं आधुनिक बुंदेलखंड में नये मकान, हर घर पर नल और उससे आता स्वच्छ पानी, पानी की टंकियां, लहलहाता बुंदेलखंड और खुशियां मनाते लोग हैं।
तीन पीढ़ियों ने किया एक-एक बूंद पानी के लिए संघर्ष
पानी की एक-एक बूंद की कीमत आपको एक बुंदेलखंडी ही बता सकता है। बुंदेलखंड में जलसंकट का आलम यह था कि तीन से ज्यादा पीढ़ियां पानी ढोते-ढोते बीत गईं। लोग बुंदेलखंड में शादियां नहीं करते थे। पानी के संकट से फसलें चौपट होने लगी थीं। इससे बेरोजगारी व मंहगाई भी उपजी लेकिन पिछले छह सालों में बुंदेलखंड की पूरी तस्वीर बदल गई है। अब बुंदेलखंड के लोगों की आंखों में दुख के नहीं बल्कि खुशियों के आंसू हैं। यह संभव हुआ है जल जीवन मिशन की वजह से।







