ठाणे, 19 मार्च 2025
महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने छह साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश डीएस देशमुख ने भयंदर निवासी 38 वर्षीय आरोपी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 376 (एबी) (बारह साल से कम उम्र की महिला के साथ बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोपों का दोषी पाया।पिछले सप्ताह पारित आदेश की एक प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
सरकारी वकील रेखा हिवराले ने कहा कि घटना 11 फरवरी, 2021 को भायंदर में हुई थी। पीड़िता की माँ ने पाया कि उसकी बेटी काम से घर लौटने पर गायब थी और उसे बताया गया कि आरोपी, जो उनका पड़ोसी है, उसे नाश्ते के लिए बाहर ले गया था। लड़की को आरोपी के घर में 10 रुपये के दो नोटों के साथ पाया गया। बाद में उसने अपनी माँ को बताया कि आरोपी ने उसे पैसे दिए, उसकी पैंट उतारी और उसे अनुचित तरीके से छुआ।आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई, जिसे अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया।
अदालत ने आदेश में कहा, “बच्चे पर यौन उत्पीड़न के कृत्य को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।” न्यायाधीश ने 2021 से लंबे समय तक हिरासत में रहने और उसके परिवार की उस पर निर्भरता का हवाला देते हुए आरोपी की नरमी की याचिका स्वीकार कर ली। उन्होंने कहा, “आरोपी ने दलील दी है कि वह अब 38 साल का हो चुका है। पिछले चार साल से अधिक समय से वह जेल में है। वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है। उसके बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और बच्चे हैं। आरोपी को सजा सुनाते समय इन तथ्यों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।”
हालांकि, उन्होंने POCSO अधिनियम के वैधानिक आदेश का हवाला देते हुए आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया, साथ ही चूक की स्थिति में तीन महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भी लगाया। न्यायाधीश ने आदेश दिया कि आरोपी ने गिरफ्तारी के बाद से जेल में जितना समय बिताया है, उसे उसकी सजा में शामिल किया जाए।