
नई दिल्ली, 8 अप्रैल 2025
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार को शिक्षक भर्ती घोटाले में बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें राज्य सरकार द्वारा बनाई गई “सुपरन्यूमेरी पोस्ट” की जांच के लिए निर्देश दिया गया था।
यह मामला 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग द्वारा शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले 3 अप्रैल को इस चयन प्रक्रिया को “त्रुटिपूर्ण और दागदार” बताते हुए 25,753 नियुक्तियों को अमान्य करार दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा बनाई गई अतिरिक्त पदों पर भी सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
सरकार की दलील थी कि यह अतिरिक्त पद उन अभ्यर्थियों को समायोजित करने के लिए बनाए गए थे जिनकी नियुक्ति विवादित हो चुकी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस कदम को भी संदेहास्पद मानते हुए इसकी सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को खारिज करते हुए कहा कि अतिरिक्त पदों के निर्माण के मामले में सीबीआई जांच की आवश्यकता नहीं है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह राहत सिर्फ अतिरिक्त पदों के मुद्दे तक सीमित है। नियुक्ति प्रक्रिया के अन्य पहलुओं की सीबीआई जांच जारी रहेगी और उस पर सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश कोई असर नहीं डालेगा।
इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोहराया कि वह अंतिम सांस तक इन अभ्यर्थियों के लिए लड़ती रहेंगी। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगी। ममता बनर्जी ने यह भी वादा किया कि कोई भी पात्र अभ्यर्थी नौकरी से वंचित नहीं रहेगा।
यह फैसला राज्य सरकार के लिए कानूनी और राजनीतिक रूप से एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।






