अंशुल मौर्य
वाराणसी, 29 अक्टूबर 2024:
उत्तर प्रदेश, वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के मोलनापुर गांव में रहस्यमय परिस्थितियों में 45 वर्षीय बबलू सरोज का शव गंगा नदी के किनारे ढाखा गांव के पास नाले में मिला, जिससे गांव में सनसनी फैल गई। मृतक के परिवार वालों को जैसे ही इस घटना की सूचना मिली, वे गहरे सदमे में चले गए।
पुलिस द्वारा शुरुआती जांच में हत्या की आशंका जताई जा रही है। डॉग स्क्वायड और फिंगरप्रिंट टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए, जहां डॉग स्क्वायड का स्वान घटना स्थल से मोलनापुर गांव के श्मशान घाट की ओर चक्कर लगा कर वापस आया।
बबलू सरोज, जो मोलनापुर गांव के निवासी थे, रविवार शाम को घर से सुर्ती लेने निकले थे और फिर लौटकर नहीं आए। जानकारी के मुताबिक, शाम छह बजे के बाद वह ढाखा गांव के केशव निषाद के पास गए थे, लेकिन रात तक घर नहीं लौटे।
सोमवार सुबह ढाखा गांव निवासी मुरारी निषाद ने उनका शव नाले के पास देखा और परिवार को सूचित किया। जैसे ही यह खबर फैली, मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और परिवार में कोहराम मच गया।
पुलिस उपायुक्त वरुणा, चन्द्रकान्त मीणा, पुलिस आयुक्त सरवण टी, और एसीपी सारनाथ अतुल अंजान त्रिपाठी ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की और परिवार से बातचीत कर मामले की जानकारी ली।
बबलू के सिर पर चोट के हल्के निशान पाए गए, जिससे उसकी हत्या की आशंका और भी बढ़ गई है। बबलू की साइकिल पास के नटवा बीर के पास सड़क किनारे खड़ी मिली है, जिससे उसके घरवाले भी इस घटना को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
परिवार में पसरा मातम, गहरी चिंता में प्रशासन
मृतक बबलू अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे और मजदूरी का काम करते थे। उनके दो बेटे, शुभम (17 वर्ष) और शिवम (15 वर्ष) अभी पढ़ाई कर रहे हैं।
इस घटना के बाद उनकी पत्नी मीरा और मां जड़ावती गहरे शोक में हैं। बबलू के पिता, मोहन सरोज का कहना है कि उनके बेटे की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, और वह अकसर केशव निषाद के साथ मछली पकड़ने जाया करता था।
पुलिस इस घटना के मुख्य संदिग्ध केशव निषाद की तलाश में जुट गई है, जो अभी फरार है।
पुलिस के मुताबिक, घटना के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और जल्द ही मामले की गुत्थी सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।