
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 10 मई 2025:
उम्र महज आठ साल और स्कूल की कक्षा आठ की छात्रा है मानवी लेकिन उसकी बातें और जज्बा किसी परिवक्व भावों से भरे इंसान से कम नहीं। पहलगाम आतंकी घटना को लेकर लगातार चिंतित रही मानवी ने भारत व पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखकर अपनी गुल्लक फोड़ डाली। पिता से 25 हजार की रकम सेना को भेजने को कहा तो पिता ने भी 25 हजार अपनी ओर से मिलाकर 50 हजार की चेक पीएम राहत कोष में भेजी है।
गुल्लक में जमा किए थे 25 हजार, कहा…हम इंडियन्स हैं, देश से बड़ा कुछ नहीं
हम बात कर रहे हैं यूपी के गोरखपुर जिले के बेतियाहाता मोहल्ले के रहने वाले आदित्य प्रताप सिंह की आठ वर्षीय बेटी मानवी सिंह की। आदित्य भारतीय कुश्ती संघ जिला अध्यक्ष भी हैं। बेटी मानवी एचपी चिल्ड्रन एकेडमी सिविल लाइंस की कक्षा तीन की छात्रा है। मानवी मीडिया के सवालों का बेबाकी से जवाब देती है उसका कहना है कि पहलगाम में हुए टेररिस्ट अटैक की हमने न्यूज देखी थी। हम भी पहले वहां गए थे, ये हमारे साथ भी हो सकता था। बुरा वक्त बताकर नहीं आता। मैने ये पैसे जमा किये थे खिलौने खरीदने के लिए लेकिन अब हमारे देश को ज्यादा जरूरत है। सरकार के पास तो पैसा है लेकिन सरकार ही इंडियन्स नहीं है हम भी इंडियन्स है, हमारे परिवार में भी यही बताया जाता है कि देश से बड़ा कुछ भी नहीं होता।
पिता ने जोड़ी रकम, 50 हजार की चेक पीएम रिलीफ़ फंड को भेजी, बेटी पर जताया गर्व
पिता आदित्य प्रताप सिंह कहते हैं कि मुझसे बेटी ने कहा कि जो पैसा जमा किया है उसे मोदी जी को दे दीजिए। ये सुनकर मुझे गर्व हुआ। मैने पूछा क्यों देना है तो कहा कि युद्ध चल रहा है इंडिया पाकिस्तान का। बेटी दो साल से पैसा जुटा रही थी। उसके भाव देखकर मैंने भी उसके गुल्लक से निकले 25 हजार के साथ 25 हजार और मिला दिये। पीएम रिलीफ़ फंड के नाम चेक भेज दिया है। ये अमाउंट छोटा है लेकिन बूंद बूंद से सागर भरता है।






