
नई दिल्ली, 24 अप्रैल 2025
जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले को लेकर दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़े तनाव के बीच राष्ट्रीय राजधानी में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। दिल्ली के राजनयिक क्षेत्र चाणक्यपुरी में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर के दृश्यों में इमारत के बाहर बड़ी संख्या में भीड़ जमा दिखाई दे रही है, जिसे शांत करने के लिए पुलिस बल प्रयास कर रहा है।
इससे पहले दिन में भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट तक पहुंच रोक दी थी । यह कदम नई दिल्ली द्वारा दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित करने और वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक कर्मचारियों को निष्कासित करने सहित कई कड़े जवाबी उपायों की घोषणा के बाद उठाया गया है।
एक प्रदर्शनकारी ने एनडीटीवी से कहा, “जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो राजनीतिक दलों को विचारधारा को त्यागकर देश के लिए एकजुट होना चाहिए। यह देखकर अच्छा लगता है कि सभी एक साथ खड़े हैं। सरकार ने अब तक जो भी फैसले लिए हैं, वे उत्साहवर्धक हैं।”
पाकिस्तान उच्चायोग पर भारी बैरिकेडिंग कर पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की कल बैठक हुई, जिसमें पहलगाम में 23 अप्रैल को हुए हमले पर भारत की प्रतिक्रिया तय की गई। इस हमले में 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। CCS ने पड़ोसी देश के खिलाफ व्यापक कार्रवाई करने का फैसला किया, जिस पर नई दिल्ली सीमा पार आतंकवाद को पनाह देने और उसका समर्थन करने का आरोप लगाती है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कल घोषणा की कि प्रत्येक देश में राजनयिक मिशनों की संख्या में कमी की जाएगी। भारतीय और पाकिस्तानी उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी, यह काम 1 मई तक पूरा हो जाएगा।
भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग से सभी रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को भी निष्कासित कर दिया है। इन व्यक्तियों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। श्री मिसरी ने घोषणा की कि भारत इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों मिशनों में सेवा सलाहकारों को सौंपे गए पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।






