
लखनऊ, 17 मार्च 2025:
बसपा सुप्रीमो मायावती पार्टी को लेकर अपने निर्णयों के चलते कुछ दिनों से सुर्खियों में हैं। उन्होंने सोमवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में सामाजिक परिवर्तन और बहुजन समाज के हक को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि उनके लिए रिश्ते-नाते किसी विशेष महत्व के नहीं हैं, बल्कि बहुजन समाज की उन्नति और पार्टी का हित ही सर्वोपरि है। जो भी पार्टी के हित में काम करेगा, उसे आगे बढ़ाया जाएगा।
बसपा ने लड़ी बहुजन समाज के सम्मान की लड़ाई
मायावती ने कहा कि आजकल राजनीति में जनहित के मुद्दों से अधिक स्वार्थ हावी हो रहा, जो चिंताजनक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बसपा हमेशा बहुजन समाज के सम्मान और अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही है। उन्होंने कहा कि देशभर में कार्यकर्ताओं ने होली और रमजान के बीच कांशीराम की जयंती मनाई, जिससे पार्टी को मजबूती मिली और उनके विचार आम लोगों तक पहुंचे।
बसपा सरकार ने किया सामाजिक परिवर्तन
मायावती ने बसपा सरकार बनने के बाद हुए सामाजिक परिवर्तन का जिक्र करते हुए कहा कि पहले बहुजन समाज के लोगों को सामान्य वर्ग के बराबर कुर्सी या चारपाई पर बैठने का अधिकार भी नहीं था। बसपा सरकार ने उन्हें यह अधिकार दिलाया, जो असल सामाजिक परिवर्तन था।
विपक्षी पार्टियों पर साधा निशाना
मायावती ने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि जातिवादी मानसिकता वाली पार्टियां बहुजन समाज पार्टी को कमजोर करने की साजिश कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पार्टियां डॉ. आंबेडकर के विचारों को खत्म करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन बाबा साहेब और कांशीराम के प्रयासों से उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं हो पाए। मायावती ने कहा कि अब बसपा भी बहुजन समाज के हितों की रक्षा के लिए पूरी ताकत से खड़ी रहेगी और जातिवादी पार्टियों के षड्यंत्रों को सफल नहीं होने देगी।