
नई दिल्ली,29 अक्टूबर 2024
दिल्ली की जहरीली हवा ने बच्चों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है, जिससे उन्हें खांसी, सिरदर्द और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। स्कूलों ने इस समस्या से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। आठवीं कक्षा के छात्रों में प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है, ताकि वे इस चुनौती के साथ जीना सीख सकें। बाल भवन स्कूल के प्रिंसिपल विविध गुप्ता के अनुसार, प्रदूषण के मुद्दे पर बच्चों को जागरूक करना बेहद आवश्यक हो गया है।
इस दीवाली, बच्चे पटाखे नहीं फोड़ेंगे और केवल दीये जलाने की प्रतिज्ञा ली है। स्कूल में उन्हें रंगीन दीये बनाने की कला सिखाई जा रही है, ताकि वे घर से लेकर बाहर तक प्रदूषण का मुकाबला कर सकें। प्रिंसिपल विविध गुप्ता ने बताया कि बच्चों को मास्क पहनने की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया गया है और उनकी आउटडोर गतिविधियों को रोक दिया गया है। दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाता है, इसलिए बच्चों ने पटाखे न जलाने का संकल्प लिया है।
पटाखे प्रदूषण को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए बच्चों को इस दीवाली बिना पटाखों के मनाने के लिए कहा गया है। स्कूलों में बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है, और डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से बचने की सलाह दी है। निजी स्कूलों ने सुबह की आउटडोर गतिविधियाँ बंद कर दी हैं, और बच्चों से मास्क पहनकर आने को कहा जा रहा है। अभिभावकों को भी बच्चों की सेहत पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है। प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने पर स्कूलों की छुट्टियाँ घोषित की जाती हैं, जिसके बाद बच्चों की ऑनलाइन क्लास ली जाती है।