Uttar Pradesh

गर्मी बढ़ते ही प्रवासी पक्षियों की वापसी, तालाब हुए सूखे

बाराबंकी,17 मार्च 2025

बाराबंकी में गर्मी बढ़ते ही वेटलैंडों से प्रवासी पक्षियों की वापसी शुरू हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को जिले में न्यूनतम तापमान 18.5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जिले में 400 से अधिक वेटलैंड्स और 26 रिजर्व वन क्षेत्र हैं, जिनमें कल्याणी, घाघरा, गोमती, रेठ और सुमली जैसी नदियां वन्यजीवों के लिए महत्वपूर्ण स्रोत रही हैं। लेकिन जैसे-जैसे झीलों और तालाबों में पानी कम हो रहा है, रूस, मंगोलिया, चीन, मध्य एशिया और यूरोप से आने वाले प्रवासी पक्षियों ने अपने मूल देशों की ओर लौटना शुरू कर दिया है। कमरांवा, सलारपुर, रामसनेहीघाट की सराही और सराय बराई झीलों के साथ-साथ रामनगर की सगरा झील पर दिखने वाले बत्तख, वैगटेल्स, वेडर्स (तटीय पक्षी), रैपटर्स (शिकारी पक्षी) और वुड बर्ड्स (आबादी और घने जंगलों के आसपास रहने वाले पक्षी) अब तेजी से लौट रहे हैं। सर्दियों में चहचहाने वाले ये जलाशय अब सूख चुके हैं, जिससे यहां निर्भर सभी प्रवासी पक्षी लौट चुके हैं और स्थानीय पक्षी भी गर्मी के कारण अपने आवास और भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

बाराबंकी के वेटलैंडों पर सर्दियों के दौरान हिमालय और ठंडे इलाकों से आने वाले वुड बर्ड्स जैसे थ्रश, वार्बलर और फ्लाइकैचर अब लगभग पूरी तरह से गायब हो चुके हैं। गर्मी के कारण इन पक्षियों को अपने प्राकृतिक आवासों में लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा है। जलस्तर घटने से पक्षियों को पर्याप्त भोजन और आश्रय नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनका ठहराव मुश्किल हो गया है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि जलाशयों में गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के कारण आने वाले वर्षों में प्रवासी पक्षियों की संख्या और भी कम हो सकती है।

डीएफओ आकाशदीप बधावन ने बताया कि बाराबंकी में कई महत्वपूर्ण जंगल भी हैं, जहां चीतल, सियार और हिरण जैसे जंगली जीव बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। इन जीवों के लिए जल स्रोत बनाए रखने के उद्देश्य से सिंचाई विभाग की मदद से नियामतपुर जंगल के पास से गुजरने वाली कल्याणी नदी में जल संरक्षण की कोशिशें की जा रही हैं। इसके अलावा, रामनगर और चकसार के जंगलों में स्थित वॉटर होल्स में नियमित रूप से पानी भरा जा रहा है, ताकि गर्मी में जंगली जानवरों को पर्याप्त पानी मिल सके और उनका प्राकृतिक आवास संरक्षित रहे।

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