
मिल्कीपुर,20 जनवरी 2025
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में दलित, पिछड़ा और अगड़ा वोटर खासकर ब्राह्मण समाज का रुख चुनावी नतीजों में अहम भूमिका निभाएगा। भाजपा और सपा दोनों इस वर्ग को साधने की रणनीति बना रही हैं। चुनावी आंकड़ों के मुताबिक, इस क्षेत्र में पासी बिरादरी के बाद सबसे अधिक ब्राह्मण वोटर हैं। भाजपा ने ब्राह्मण मतों को अपने पाले में लाने के लिए अपने प्रभावशाली ब्राह्मण नेताओं को सक्रिय किया है, वहीं सपा ने पूर्व विधायक पवन पांडेय जैसे नेताओं को इस वर्ग की गोलबंदी का जिम्मा सौंपा है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मिल्कीपुर की राजनीति में अगड़ा वोट बैंक हमेशा निर्णायक साबित हुआ है। सपा ने जातिगत समीकरण को साधने के लिए यादव और ब्राह्मण वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित किया है, जबकि भाजपा सबका साथ, सबका विकास के नारे के साथ चुनाव मैदान में है। बसपा के उपचुनाव में भाग न लेने से उनके वोटरों का रुख भी चुनावी समीकरण बदल सकता है। पांच फरवरी को मतदान और आठ फरवरी को परिणाम तय करेंगे कि अगड़े वोटर किसके साथ जाते हैं।






