लखनऊ, 19 नवंबर 2025:
दिल्ली ब्लास्ट की जांच आगे बढ़ने के साथ एजेंसियों का ध्यान लखनऊ की रहने वाली डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज पर केंद्रित होता जा रहा है। अब तक की जांच के आधार पर डॉ. शाहीन को जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद डॉक्टर मॉड्यूल की अहम कड़ी माना जा रहा है। जांच में डॉ. शाहीन की सोशल मीडिया गतिविधियों और संदिग्ध संपर्कों के कई नए संकेत मिले हैं।
जांच एजेंसियों को डॉ. शाहीन की प्रोफाइल की पड़ताल में पता चला कि उससे जुड़े कई अकाउंट पाकिस्तान, यूएई और कजाकिस्तान के थे। उनमें कुछ पाकिस्तानी सेना के डॉक्टर भी शामिल थे। इसके अलावा हरदोई का एक स्कूल संचालक भी उसके नेटवर्क में पाया गया है। पोस्ट न होने के बावजूद ऐसे संपर्कों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

वहीं, उसका भाई डॉ. परवेज सोशल मीडिया से लगभग दूरी बनाए हुए था। दोनों आपस में बात करने के लिए टेलीग्राम और सिग्नल जैसे एन्क्रिप्टेड एप्स का इस्तेमाल करते थे। इसी कारण उनकी बातचीत से जुड़े स्पष्ट सुराग मिलना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। बरामद मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच जारी है।
इसी बीच एटीएस और एनआईए ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर, इंट्रीग्रल यूनिवर्सिटी और एरा मेडिकल कॉलेज में उन डॉक्टरों और छात्रों से भी पूछताछ शुरू की है जो 2013–2015 के बीच दोनों के संपर्क में थे। तीनों संस्थानों से उस अवधि में तैनात डॉक्टरों की सूची भी मांगी गई है।
दिल्ली ब्लास्ट से करीब 25 दिन पहले डॉ. शाहीन के कानपुर में मौजूद होने के इनपुट ने जांच को एक नए मोड़ पर ला दिया है। पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने कानपुर के चकेरी, जाजमऊ, रेलबाजार और कैंट सहित कई इलाकों में टीमें सक्रिय की हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज छोड़ने के बाद डॉ. शाहीन लखनऊ, कानपुर, इटावा समेत कई शहरों के बीच लगातार आवाजाही करती रही। अगस्त में उसका लखनऊ आना और फिर भाई डॉ. परवेज के साथ कानपुर जाना भी दर्ज किया गया है।
एजेंसियां अब यह पता लगा रही हैं कि इस दौरान वह किससे मिली, कहां गई और उसके मंसूबे क्या थे। फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने और दिल्ली धमाके के बाद से एटीएस, एनआईए, आईबी जैसी एजेंसियां डॉ. शाहीन के संभावित कानपुर कनेक्शन को खंगालने में जुटी हैं।






