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मुस्लिमों ने खेली होली , घाटों पर गूंज रहे लोकगीत, बाजारों में जोश, बारूद नहीं, गुलाल उगलेंगे बम

अंशुल मौर्य

वाराणसी, 12 मार्च 2025,

यूपी में अविनाशी शिव की नगरी काशी में होली पर्व उत्सव बन गया है। इस पर्व में मुस्लिम महिलाओं ने भी जोश से हिस्सा लिया। दूसरी ओर शहर की सड़कें रंगों, अबीर-गुलाल से सराबोर हैं। गंगा घाटों पर सजीं महफिलों में लोकगीत गूंज रहे हैं तो बाजार में भी खास पिचकारियों और बम के साथ अबीर गुलाल खरीदने की धूम मची है।

घुल रही ठंडाई, साजों पर छेड़ रहे गीतों की तान

वाराणसी के लोग होली के मौके पर गंगा घाट के किनारे जमकर होली मना रहे हैं। रंग, ठंडाई के साथ साथ ढोलक मंजीरे और हारमोनियम पर गीतों की तान छेड़कर होली की खुशियां मनाई जा रही हैं। स्थानीय लोगों के अलावा, विदेशी भी रंगों में सराबोर नजर आ रहे हैं। गायक अमलेश शुक्ला, केडी और उनकी टीम ने होली के पारंपरिक गीत को गाया। गायकों ने अपने अंदाज में होली के मूड में राजनीतिक तंज भी कसे।

फायर सिलेंडर में भरा है सूखा गुलाल, डबल इंजन सरकार के भी लगे हैं स्टिकर

वाराणसी का बाजार रंगों और पिचकारियों से गुलजार हो गया है। इस बार फायर स्मोक और हैंड स्मोक बारूद वाले पटाखे और बम लोकप्रिय हो रहे हैं। ये पटाखे और बम जब फोड़े जाते हैं तो सूखा रंग और गुलाल लोगों के ऊपर बरसाता है। पिचकारी विक्रेता सदन यादव ने बताया कि होली पर लोगों को धोखे से रंगने वाले आइटमों की मांग होती है। इस बार फायर सिलेंडर के रूप में पिचकारी आई है, जो दिखने में फायर सिलेंडर जैसी है और इसमें सूखा गुलाल और रंग भरा हुआ है। इस बार भी लोगों को मोदी-योगी वाली पिचकारियां आकर्षित कर रही हैं। दुकानदारों का कहना है कि मोदी और योगी की लोकप्रियता को देखते हुए डबल इंजन की सरकार और मोदी-योगी के स्टिकर लगी पिचकारियां जमकर बिक रही हैं।

मजहब करीब आए, मुस्लिम महिलाओं ने लगाया गुलाल, खेली होली

इस पर्व में मजहबों की दूरी भी खत्म कर दी। लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान ने मिलकर होली उत्सव का आयोजन किया। इस आयोजन में मुस्लिम महिलाओं ने अबीर गुलाल से जमकर होली खेली, जबकि हिन्दू समाज की महिलाओं ने उनका साथ देते हुए परम्परागत होली गीत गाए। गुलाब की पंखुड़ियों के साथ हरे, लाल गुलाल और गुलाब जल के मिश्रण की बारिश के बीच मुस्लिम महिलाओं ने भी ढोल की थाप पर “होली खेलें रघुराई अवध में, कृष्ण कन्हाई गोकुल में हो…. गीत गाकर एकता, प्रेम, सद्भाव का संदेश दिया। फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी, केंद्रीय सदस्य डॉ नजमा परवीन व संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव ने कहा हम सब एक हैं हमे कोई अलग नहीं कर सकता।

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