
पटना, 25 अप्रैल 2025
बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक साल से फरार चल रहे नीट पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को गुरुवार देर रात पटना से गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी से पूरे गैंग का पर्दाफाश होने की संभावना है। पुलिस ने संजीव मुखिया पर 3 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उससे पहले इस गिरोह के 36 सदस्यों को पकड़ा जा चुका है, जिनमें उसका बेटा भी शामिल था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मुखिया पर लंबे समय से निगरानी रखी जा रही थी। वह कई बार पुलिस के जाल में फंसते-फंसते बच निकला, लेकिन इस बार वह गिरफ्त से नहीं बच सका। फिलहाल बिहार STF और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम उससे पूछताछ कर रही है। जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि इसमें कई रसूखदार लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।
गौरतलब है कि नीट पीजी परीक्षा 5 मई 2024 को आयोजित हुई थी। इसके एक दिन पहले पटना के एक निजी स्कूल में पुलिस ने छापा मारा था, जहां कुछ लोग छात्रों को पहले से तैयार प्रश्नपत्र रटवा रहे थे। जांच में सामने आया कि संजीव मुखिया और उसके गिरोह ने पेपर पहले ही आउट करवा दिया था और छात्रों से 40-40 लाख रुपये की वसूली की गई थी।
संजीव मुखिया मूल रूप से नालंदा जिले के नगरनौसा का निवासी है। उसका असली नाम लूटन मुखिया बताया जा रहा है। वह पहले नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत था, लेकिन बाद में सरकारी नौकरी छोड़ राजनीति में आ गया। 2016 की सिपाही भर्ती परीक्षा और BPSC पेपर लीक में भी उसका नाम सामने आ चुका है। उसकी पत्नी लोजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी हैं।
यह गिरफ्तारी पेपर लीक रैकेट की कमर तोड़ने वाली मानी जा रही है। अब उम्मीद की जा रही है कि मामले में शामिल बाकी नाम भी जल्द सामने आएंगे।






