
नई दिल्ली | 29 जुलाई 2025
यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार सुबह कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यमन सरकार ने निमिषा की मौत की सजा पलट दी है। लेकिन अब तक भारत सरकार या यमन की किसी आधिकारिक संस्था ने इस पर पुष्टि नहीं की है। ऐसे में यह साफ नहीं है कि इस मामले में सच्चाई क्या है और अफवाह क्या।
निमिषा प्रिया को 2020 में यमन की एक अदालत ने हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या की थी, जो उनका बिजनेस पार्टनर था। 2017 में महदी का शव एक पानी की टंकी से बरामद हुआ था। जांच में पता चला कि हत्या से पहले उसे नींद की गोलियों का ओवरडोज दिया गया था।
निमिषा को सऊदी सीमा के पास गिरफ्तार किया गया और फिर उन्हें सना जेल में रखा गया। 2023 में यमन के सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी मौत की सजा को बरकरार रखा था।
हाल ही में भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने यमन के धर्मगुरुओं से संपर्क कर निमिषा की फांसी टालने की अपील की थी। उनके दखल के बाद 16 जुलाई को होने वाली फांसी कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई थी। मंगलवार को उन्हीं के कार्यालय की ओर से दावा किया गया कि यमन सरकार ने निमिषा की सजा रद्द कर दी है। लेकिन आधिकारिक पुष्टि न होने के चलते इसे लेकर भ्रम बना हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, यमन की सरकार ने अब तक कोई कानूनी आदेश पारित नहीं किया है जिससे फांसी की सजा को रद्द किया गया हो। भारत सरकार भी लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है लेकिन अब तक उसने भी कोई बयान जारी नहीं किया है।
फिलहाल निमिषा सना की जेल में बंद हैं और अगला फैसला यमन की अदालत या सरकार की ओर से आने का इंतजार है।






