Bihar

नीतीश मौन, बीजेपी बेचैन! बिहार चुनाव से पहले तेज बैटिंग, टकटकी लगाए लालू-तेजस्वी

पटना,26 दिसंबर 2024

नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में अपनी किस्मत का करिश्मा साबित किया है, खासकर जातीय समीकरणों के बावजूद। उन्होंने हर जाति, समुदाय और महिला वर्ग के लिए योजनाएं बनाई, जिनसे उन्हें व्यापक समर्थन मिला। दलितों, मुसलमानों और महिलाओं के लिए उनकी योजनाओं ने उनका राजनीतिक कद बढ़ाया। महिलाओं को आरक्षण और सशक्तिकरण के लिए किए गए उपायों ने नीतीश को जीवनभर के लिए उनका समर्थक बना दिया। इसके अलावा, उन्होंने सहयोगी दलों के साथ अच्छे संबंध बनाए और विपक्ष में भी अपनी अहमियत बनाए रखी, जिससे बिहार में सत्ता की धारा पर उनका नियंत्रण कायम है।

नीतीश कुमार की मौन रहने की कला और रणनीति ने भाजपा को भी असमंजस में डाल दिया है। भाजपा की चुनावी रणनीति और अमित शाह जैसे नेताओं के बावजूद, नीतीश का महत्व राज्य की राजनीति में बरकरार है। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने भी नीतीश के नेतृत्व में विश्वास जताया, यह दर्शाता है कि नीतीश की ताकत अब भी वैसी ही है जैसी 2005 और 2010 में थी। भाजपा नेताओं का बयान पलटना और नीतीश के बारे में रणनीति बदलने की स्थिति को साफ तौर पर दिखाता है कि नीतीश की सियासी स्थिति मजबूत बनी हुई है।

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