
नोएडा, 12 फरवरी 2025
नोएडा में एक परिवार को कुछ अज्ञात लोगों ने पांच दिनों तक ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में रखकर एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की।
पुलिस ने बताया कि ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ एक नई साइबर धोखाधड़ी है, जिसमें आरोपी सीबीआई या सीमा शुल्क अधिकारियों जैसी कानून प्रवर्तन एजेंसी के अधिकारी बनकर प्रतिबंधित दवाओं के नकली अंतरराष्ट्रीय पार्सल के नाम पर वीडियो कॉल करके लोगों को गिरफ्तारी की धमकी देते हैं।
पुलिस के अनुसार, उन्हें चंद्रभान पालीवाल से शिकायत मिली कि उन्हें 1 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले ने उन्हें भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण से संपर्क करने के लिए कहा और उनका सिम कार्ड ब्लॉक करने की धमकी दी।
पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव ने बताया कि फोन करने वाले ने शिकायतकर्ता से कहा कि उनका मामला मुंबई की साइबर अपराध शाखा में है और करीब 10 मिनट बाद भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने मुंबई के कोलावा पुलिस थाने से पालीवाल को ‘वीडियो कॉल’ किया।
पालीवाल ने बताया कि फर्जी पुलिस अधिकारी ने उन पर पैसे ऐंठने का आरोप लगाया और कहा कि उनके खिलाफ अलग-अलग जगहों पर 24 मामले दर्ज हैं। डीसीपी ने बताया कि फोन करने वाले ने यह भी कहा कि सीबीआई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है।
पालीवाल ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी और बेटी को भी वीडियो कॉल आने के बाद डिजिटली गिरफ्तार कर लिया गया। डीसीपी ने बताया कि कॉल करने वालों ने धमकी दी कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
यादव ने बताया कि शिकायतकर्ता ने पांच दिन में आरोपी को 1.10 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।






