National

पाकिस्तान की फिर से गीदड़ धमकी, कहा-अगर भारत ने हमला या पानी रोका तो हम परमाणु हमला करेंगे

नई दिल्ली, 5 मई 2025

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद से भारत की कार्यवाही से परेशान पाकिस्तान लगातार भड़काऊ बयान दे रहा है। हाल ही के मामले में जब एक बार फिर से पाकिस्तान के राजदूत ने भारत को लेकर के चेतावनी दी है कि अगर भारत उस पर हमला करता है या फिर पाकिस्तान के महत्वपूर्ण जल प्रवाह को रोकता है तो पाकिस्तान इसका जबाव अपनी पूरी ताकत से और पारमाणु हमले सहित देगा।

ने रविवार को रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS को दिए साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की। यह चेतावनी देते हुए कि पाकिस्तान किसी भी आक्रमण का जवाब देने के लिए तैयार है, राजदूत ने कहा, “हम पाकिस्तान में पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के पूर्ण बल का उपयोग करेंगे।”

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गिरावट आई थी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। जाजामालि ने सिंधु जल संधि के संबंध में इस्लामाबाद की स्थिति को दोहराया, जो भारत और पाकिस्तान के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता है, जिसे नई दिल्ली ने आतंकवादी हमले के प्रति अपनी कूटनीतिक प्रतिक्रिया के तहत पिछले सप्ताह निलंबित कर दिया था। उन्होंने कहा, “निचले तटवर्ती क्षेत्र के पानी को हड़पने, उसे रोकने या उसकी दिशा बदलने का कोई भी प्रयास पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई होगी और इसका जवाब पूरी ताकत से दिया जाएगा, जिसमें परमाणु हमला भी शामिल है।”

हालांकि, राजदूत ने तनाव कम करने का आग्रह किया और कहा कि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार होने के कारण खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कहा, “चूंकि दोनों देश परमाणु शक्तियां हैं, इसलिए तनाव कम करने की अधिक आवश्यकता है।”

पाकिस्तान ने पहले कश्मीर हमले की “तटस्थ और विश्वसनीय जांच” की मांग की थी। जजामली ने कहा, “मुझे लगता है कि इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका अहम है। और इस संबंध में, हम उम्मीद करते हैं कि चीन और रूस जैसी ताकतें उन जांचों में भाग ले सकती हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना ​​है कि जम्मू-कश्मीर में समस्या का मूल कारण कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय का अधिकार है, जिसका वादा अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विभिन्न प्रस्तावों के माध्यम से उनसे किया था।’’ उन्होंने कहा, “स्थायी, टिकाऊ और सतत शांति के लिए इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान आतंकवादी हमले की जांच में भाग लेने के लिए रूस से औपचारिक अपील करने की तैयारी कर रहा है, तो राजदूत ने कहा, “हम इसके लिए तैयार हैं। हम चाहते हैं कि यह जांच की जाए और यह दोषारोपण बंद हो। समय-समय पर ऐसी घटनाएं होती हैं, और मूल कारणों को संबोधित किए बिना, पाकिस्तान को इसके लिए दोषी ठहराया जाता है।” उन्होंने कहा कि मास्को ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में “मूल कारणों” को दूर करने की आवश्यकता पर ध्यान दिलाया है। उन्होंने कहा, “इसी तरह, जब राजनीतिक विवाद लंबे समय तक चलते हैं, तो नाराजगी पैदा होती है और ऐसी घटनाएं होने की संभावना होती है। किसी को दोष देना और बलि का बकरा बनाना हमेशा बहुत आसान होता है।”

रविवार देर शाम पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच तनाव कम करने में मास्को की मदद मांगी।

पहलगाम हमले के बाद, भारत ने अन्य दंडात्मक कार्रवाइयों के अलावा, 1960 के सिंधु समझौते को निलंबित करने की घोषणा की, जो दोनों देशों के बीच जल बंटवारे को नियंत्रित करता है। इससे पहले 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके समर्थकों को दंडित करने की कसम खाई थी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 29 अप्रैल को शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने के लिए सशस्त्र बलों को “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button