
नई दिल्ली, 12 मई 2025 –
पाकिस्तान एक बार फिर आतंकियों को मासूम बताने के अपने दोगले रवैये की वजह से बेनकाब हो गया है। इस बार मामला है हाफिज अब्दुर रऊफ का, जिसे पाकिस्तान की सेना एक आम धर्मगुरु बताकर पेश कर रही थी, जबकि भारत ने उसके खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करते हुए उसके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की पूरी जानकारी दुनिया के सामने रख दी है।
पाक सेना के प्रवक्ता ने एक हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि एक वायरल तस्वीर में जो व्यक्ति पाक सैनिकों के साथ नजर आ रहा है, वह कोई आतंकी नहीं बल्कि एक धार्मिक प्रचारक है। इस व्यक्ति का नेशनल ID कार्ड भी दिखाया गया, जिसमें उसे एक वेलफेयर संस्था से जुड़ा कार्यकर्ता बताया गया। लेकिन भारत ने उसी ID नंबर और अन्य जानकारियों की पुष्टि अमेरिका द्वारा घोषित वैश्विक आतंकवादी हाफिज अब्दुर रऊफ से की, जिससे पाकिस्तान का झूठ उजागर हो गया।
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के अनुसार, रऊफ लश्कर-ए-तैयबा का एक वरिष्ठ सदस्य है और 1999 से इसके लिए काम कर रहा है। वह इसके फ्रंट संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) का भी प्रमुख रहा है, जो राहत कार्यों की आड़ में आतंकी फंडिंग करता है। 2008 में मुंबई हमलों के बाद जब लश्कर पर वैश्विक दबाव बढ़ा, तब भी रऊफ ने पाकिस्तान में FIF के नाम पर भारी मात्रा में चंदा इकट्ठा किया।
रऊफ केवल आतंकी नेटवर्क का एक सदस्य ही नहीं, बल्कि उसका प्रवक्ता भी रह चुका है। लश्कर की वेबसाइटों और मीडिया कार्यक्रमों में वह संगठन का प्रतिनिधित्व करता रहा है। वह जमात-उद-दावा और लश्कर की सार्वजनिक छवि को धार्मिक और मानवीय संगठन के रूप में पेश करने की रणनीति का हिस्सा रहा है।
भारत द्वारा पेश किए गए इन तथ्यों से स्पष्ट है कि पाकिस्तान किस तरह आतंक को संरक्षण देता है और उसे छिपाने के लिए धार्मिक और राजनीतिक चेहरों का सहारा लेता है।