
मुझफ्फराबाद (पीओके), 04 अगस्त 2025
पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवाद के खिलाफ लोगों का गुस्सा अब खुलकर सामने आने लगा है। ऑपरेशन महादेव और ऑपरेशन सिंदूर जैसे भारतीय कार्रवाईयों के बाद पीओके में आतंकी गतिविधियों और उनके कमांडरों के खिलाफ जनता ने विद्रोह का स्वर उठा लिया है। इसी कड़ी में कुइयां गांव में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े जेकेयूएम कमांडर रिजवान हनीफ की लोगों ने सरेआम लात-घूंसों से पिटाई कर दी।
जानकारी के मुताबिक, 30 जुलाई को श्रीनगर के हरवान में मारा गया लश्कर आतंकी हबीब ताहिर उर्फ छोटू, जिसकी पीओके में नमाज-ए-जनाजा की रस्म बिना शव के अदा की गई थी, उसी में यह घटना हुई। परिवार की ओर से साफ मना किए जाने के बावजूद लश्कर कमांडर रिजवान हनीफ हथियारबंद साथियों के साथ जनाजे में पहुंचा। विवाद तब हुआ जब रिजवान के भतीजे ने बंदूक लहराकर लोगों को धमकाया। इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने कमांडर की जमकर पिटाई कर दी और वह अपने साथियों के साथ मौके से भाग गया।
स्थानीय पत्रकारों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक बार फिर पीओके में LET, HUJI, HM और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों ने ट्रेनिंग कैंप शुरू कर दिए हैं। इस वजह से आम जनता में रोष है, क्योंकि आतंकी गतिविधियों की वजह से लगातार पीओके का नुकसान हो रहा है और भारत की कार्रवाईयों में स्थानीय लोग भी चपेट में आ रहे हैं।
कोठियां के रहने वाले नौमान शहजाद द्वारा हथियारबंद लोगों की मौजूदगी में कांफ्रेंस की इजाजत मांगे जाने पर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कार्यक्रम पर रोक लगा दी। प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी संदिग्ध या आतंकी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गांवों में अब जिरगा (स्थानीय पंचायत) बुलाकर आतंकी भर्तियों के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करने की तैयारी की जा रही है। पीओके में आतंक के खिलाफ ऐसा जन आक्रोश पहले कभी नहीं देखा गया, जो अब आतंकी संगठनों के लिए खतरे की घंटी बनता जा रहा है।






