
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 12 फरवरी 2025:
महाकुंभ के अमृत स्नान के बाद काशी में पहुंचे नागा साधुओं की पेशवाई पूर्णिमा से शुरू हो गई। बुधवार को जूना अखाड़े की भव्य पेशवाई उनके आराध्य देव के साथ निकाली गई। हजारों नागा साधुओं का यह जुलूस बैजनत्था तपेश्वर महादेव मठ से हनुमान घाट मठ तक गाजे-बाजे के साथ निकला।

तलवारबाजी की, गदा और त्रिशूल के करतब दिखाते
साधु-संतों ने पेशवाई से पहले श्रृंगार किया, शरीर पर भभूत लगाई और फिर गदा, भाला, त्रिशूल लेकर निकले। इस दौरान साधु तलवारबाजी, गदा और त्रिशूल के करतब दिखाते हुए लाठियां भांजते नजर आए। काशी की गलियां “हर-हर महादेव” के जयघोष से गूंज उठीं। श्रद्धालु घरों के बाहर लाइन लगाकर दर्शन करते रहे, वहीं कुछ लोगों ने छतों से पुष्प वर्षा कर नागा संन्यासियों का स्वागत किया।

पेशवाई तपेश्वर मठ से कमच्छा, जल संस्थान, भेलूपुर, सोनारपुरा, हरिश्चंद्र घाट होते हुए हनुमान घाट पहुंची। जूना अखाड़े के थानापति डॉ. शिवानंद पुरी ने बताया कि सभी पंच यहां विराजमान रहेंगे और शिवरात्रि को एक और भव्य पेशवाई निकलेगी।

18 फरवरी को आह्वान अखाड़े की पेशवाई
श्रीपंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई 18 फरवरी को निकाली जाएगी। अखाड़े के संन्यासी आरएन पाठक ने बताया कि यह शोभायात्रा कबीरचौरा मठ से शुरू होकर मैदागिन, चौक, गोदौलिया होते हुए दशाश्वमेध घाट के अखाड़े तक पहुंचेगी। महाकुंभ के समापन के बाद अखाड़ों के डेरे उठने लगे हैं, और काशी में नागा संन्यासियों का प्रवास शुरू हो चुका है। यहां वे बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन कर आध्यात्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगे।
