
नई दिल्ली, 15 अगस्त 2025
79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 100 साल की सेवा यात्रा को याद किया और स्वयंसेवकों को नमन किया। उन्होंने कहा कि 27 सितंबर 1925 को स्थापित हुआ यह संगठन व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प पर काम करता रहा है और इसकी सेवाएं देश के लिए गौरवपूर्ण हैं। पीएम मोदी ने आरएसएस को दुनिया का एक प्रकार से सबसे बड़ा एनजीओ बताते हुए कहा कि इसका सेवा, समर्पण और अनुशासन से भरा इतिहास प्रेरणा देता रहेगा।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में संघ के योगदान का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि 100 वर्षों में लाखों स्वयंसेवकों ने राष्ट्रहित में कार्य किया है। उन्होंने बताया कि आरएसएस अपनी स्थापना शताब्दी के उपलक्ष्य में 26 से 28 अगस्त तक दिल्ली के विज्ञान भवन में “100 इयर्स ऑफ संघ यात्रा – न्यू होराइजन्स” शीर्षक से भव्य समारोह आयोजित करेगा। इस दौरान देशभर से स्वयंसेवक और प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए संघ की सोच और कार्यशैली ने समाज में एकजुटता और सेवा भाव को मजबूती दी है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र करते हुए वीर सैनिकों को सैल्यूट किया और सिंधु जल समझौते को अन्यायपूर्ण बताया, जिसने दशकों से किसानों को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने किसानों के हक और जल संसाधनों पर देश के अधिकार की बात दोहराई। इसके साथ ही युवाओं के लिए “प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना” की घोषणा की, जिसके तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वालों को 15,000 रुपये की सहायता दी जाएगी और लगभग 3.5 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर हमें न केवल अपने इतिहास को याद रखना है, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय करनी है, जिसमें सेवा, समर्पण और राष्ट्रहित सर्वोपरि हो।