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श्रीलंका में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, रक्षा और रणनीतिक साझेदारी पर केंद्रित है तीन दिवसीय दौरा

कोलंबो, 5 अप्रैल 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार शाम तीन दिवसीय दौरे पर श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंचे। यह दौरा भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी का कोलंबो एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर मौजूद थे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।

खास बात यह है कि पिछले सात महीनों में किसी भी विदेशी नेता ने श्रीलंका की यात्रा नहीं की थी और पीएम मोदी पहले नेता हैं जिन्होंने इस दौरान श्रीलंका का दौरा किया है। प्रधानमंत्री मोदी की यह श्रीलंका यात्रा 2015 के बाद से चौथी और 2019 के बाद पहली है। इस दौरे में भारत और श्रीलंका के बीच दस क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिनमें रक्षा समझौता सबसे अहम है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच पहला रक्षा समझौता होगा। इस यात्रा को रणनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है क्योंकि भारत श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करना चाहता है।

हंबनटोटा बंदरगाह, जिसे श्रीलंका ने कर्ज न चुका पाने की स्थिति में चीन को 99 साल की लीज़ पर सौंप दिया था, अब चीन की रणनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन चुका है। भारत की कोशिश है कि श्रीलंका को चीन के कर्ज के जाल से निकालकर एक भरोसेमंद साझेदार बनाया जाए। पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके के बीच डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, मछुआरों के मुद्दे और बहुक्षेत्रीय सहायता को लेकर भी अहम चर्चाएं होंगी।

इस दौरान मछुआरों और उनकी नौकाओं की शीघ्र रिहाई पर भी चर्चा की जाएगी। कोलंबो में भारतीय समुदाय ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया, जिसकी झलक खुद प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर साझा कर आभार व्यक्त किया। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देगा, बल्कि दक्षिण एशिया में भारत की रणनीतिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।

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