रियो डी जनेरियो, 07 जुलाई 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा, ग्लोबल साउथ के समर्थन और जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर जोर दिया। यह संबोधन उनके पांच देशों की यात्रा के चौथे चरण में हुआ, जो घाना से शुरू होकर त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना होते हुए ब्राजील पहुंची है। अंतिम चरण नामीबिया में होगा।
PM मोदी ने अपने भाषण में चार प्रमुख सुझाव दिए। पहला—ब्रिक्स देशों को अपने आंतरिक ढांचे में सुधार कर वैश्विक विश्वसनीयता को बढ़ाना होगा। उन्होंने ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की भूमिका की सराहना करते हुए दीर्घकालिक और व्यावहारिक वित्तीय नीतियों को अपनाने पर बल दिया।
दूसरा, उन्होंने ग्लोबल साउथ की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने की बात कही। भारत की अगुआई में शुरू किए गए ब्रिक्स एग्रीकल्चर रिसर्च प्लेटफॉर्म और प्रस्तावित ब्रिक्स साइंस एंड रिसर्च रिपॉजिटरी को उदाहरण स्वरूप रखा, जिससे विकासशील देशों को तकनीकी और वैज्ञानिक लाभ मिल सके।
तीसरे सुझाव में उन्होंने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने की अपील की। उन्होंने चेताया कि कोई भी देश इन संसाधनों का निजी हितों या हथियार के रूप में उपयोग न करे।
चौथे बिंदु में उन्होंने AI यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मानवता के लिए लाभकारी उपकरण बताते हुए कहा कि “AI for All” की सोच के साथ भारत इसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों में कर रहा है। उन्होंने ब्रिक्स मंच से जिम्मेदार AI शासन की दिशा में कदम उठाने का आह्वान किया।
अंत में PM मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ की अपेक्षाएं ब्रिक्स से काफी बड़ी हैं, और इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी को “Lead by Example” के सिद्धांत पर चलना होगा।