
लखनऊ,10 फरवरी 2025:
यूपी के लखनऊ में बकाया मानदेय के भुगतान और वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर विधानसभा कूच कर रही आशा वर्करों को पुलिस ने आरक्षण केंद्र के पास रोक लिया। इस दौरान प्रशासन और आशा वर्करों के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात के लिए भेजा गया।
चारबाग में हुई नारेबाजी, विधानभवन घेराव की तैयारी
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर यूनियन के बैनर तले प्रदेशभर से आईं सैकड़ों आशा कार्यकर्ता चारबाग स्टेशन के बाहर एकत्र हुई थीं। यहां लंबे समय तक नारेबाजी के बाद विधानभवन घेराव के लिए कूच किया, लेकिन पहले से मौजूद पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
छह साल से सेवा में, फिर भी नहीं मिला उचित वेतन
यूनियन की जिला सचिव मीरा प्रजापति ने बताया कि फरवरी 2024 में सरकार से वार्ता के दौरान आशा संगिनी को 2019 से 2021 तक 750 रुपये कोविड योगदान प्रोत्साहन के रूप में देने और 24 महीने तक 1,000 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया। खरगापुर से आईं आशा वर्कर सीमा देवी ने कहा कि छह साल से सेवाएं देने के बावजूद वेतन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
वेतन बढ़ाने की मांग पर आशा वर्करों का प्रदर्शन, प्रशासन ने दिया आश्वासन
आशा वर्करों ने बच्चों के टीकाकरण से लेकर गर्भवती महिलाओं की देखभाल तक की जिम्मेदारी उठाने के बावजूद उचित वेतन न मिलने पर नाराजगी जताई। प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा के लिए प्रतिनिधिमंडल को डिप्टी सीएम से मिलने भेजा, जहां उनकी शिकायतें सुनी गईं।