काठमांडू, 10 सितंबर 2025:
नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल की कमान अब सेना के हाथों में आ गई है। नेपाली सेनाध्यक्ष ने देश में व्याप्त हिंसा और अराजकता को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
नेपाली सेना ने मंगलवार रात से सुरक्षा अभियानों की कमान संभाल ली है। देश में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए व्यापक योजनाएं बनाई गई हैं। बुधवार शाम 5 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। सेना ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस फैसले की जानकारी दी है।
प्रदर्शनकारियों से हथियार वापस करने की अपील : सेना ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों से लूटे गए हथियार, गोला-बारूद और उपकरण जल्द से जल्द वापस करने की अपील की है।
बढ़ती हिंसा और मौतें : जेन-जी आंदोलन के नाम पर हो रही हिंसा में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 22 अकेले काठमांडू में मारे गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी दफ्तरों और अदालतों को आग के हवाले कर दिया है।
जेल से फरार हुए कैदी : कपिलवस्तु जिला कारागार पर हुए हमले के बाद 459 कैदी फरार हो गए हैं। इस घटना ने भारत में घुसपैठ की आशंका बढ़ा दी है।
भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ी : फरार कैदियों की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। एसएसबी ने गश्त और निगरानी बढ़ा दी है।
भारत ने जारी की एडवाइजरी : विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से नेपाल की यात्रा फिलहाल टालने की सलाह दी है। जो लोग नेपाल में हैं, उन्हें घर के अंदर रहने और स्थानीय प्रशासन व भारतीय दूतावास के निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। आपातकालीन स्थिति के लिए दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
दूतावास के हेल्पलाइन नंबर
+977 – 980 860 2881 (व्हाट्सएप कॉल उपलब्ध)
+977 – 981 032 6134 (व्हाट्सएप कॉल उपलब्ध)