
लखनऊ, 29 जुलाई 2025:
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी एवं सपा सांसद डिंपल यादव के बारे में ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सियासत गरमा गई है। सड़क से लेकर संसद तक इस बयान को लेकर सियासत हो रही है। इस मसले पर भाजपा ने आक्रामक रुख अपनाते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
लखनऊ के प्रमुख हजरतगंज चौराहे पर भाजपा के विधान परिषद सदस्य (MLC) सुभाष यदुवंश की ओर से एक विवादास्पद होर्डिंग लगाई गई है जिसमें लिखा है… धिक्कार है अखिलेश जी! पत्नी के अपमान पर चुप रहने वाले प्रदेश की बहन-बेटियों की सुरक्षा क्या करेंगे?
होर्डिंग पर सुभाष यदुवंश का नाम और पद “प्रदेश महामंत्री, भाजपा, उ.प्र. (MLC)” भी स्पष्ट रूप से अंकित है।
इस पोस्टर को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। भाजपा इसे “महिला सम्मान” और “समाजवादी खामोशी” का मुद्दा बनाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में है। सोशल मीडिया पर मौलाना रशीदी के बयान की पहले ही तीखी आलोचना हो चुकी है, लेकिन भाजपा ने सवाल उठाया है कि अखिलेश यादव और सपा ने अब तक इस बयान की स्पष्ट निंदा क्यों नहीं की।
विवाद बढ़ने के बीच सोमवार को अखिलेश यादव ने पहली बार इस मामले पर सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो कपड़े हम संसद में पहनते हैं, वही ड्रेस पहनकर वहां (मस्जिद) भी जाएंगे। उनका यह बयान मौलाना साजिद रशीदी की टिप्पणी के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर आया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला ऐसे समय में उठा है जब राज्य में चुनावी समीकरण बन रहे हैं। भाजपा इसे एक संवेदनशील मुद्दे में बदलकर विपक्ष पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। अब देखना यह है कि सपा इस आरोप-प्रत्यारोप के दौर में क्या रुख अपनाती है।






