नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2025
सरकार की ‘रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन’ योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि वह हर रोज नए नारे गढ़ते हैं, लेकिन युवा अब भी वास्तविक अवसरों का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या यह ‘‘सिर्फ एक और जुमला’’ है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि 2024 के चुनाव के बाद पीएम मोदी ने बड़े धूमधाम से “रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन” योजना की घोषणा की और हमारे युवाओं को रोजगार देने का वादा किया।
उन्होंने आरोप लगाया, “योजना की घोषणा किए हुए करीब एक साल हो गया है, सरकार ने इसे परिभाषित भी नहीं किया है और इसके लिए आवंटित 10,000 करोड़ रुपये वापस कर दिए हैं। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी को लेकर कितने गंभीर हैं।”
इस पर सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। गांधी ने कहा कि केवल बड़े कॉरपोरेट्स पर ध्यान केंद्रित करके, निष्पक्ष व्यापार की बजाय मित्र राष्ट्रों को बढ़ावा देकर, उत्पादन की बजाय असेंबली को प्राथमिकता देकर तथा भारत के स्वदेशी कौशल की उपेक्षा करके नौकरियां पैदा नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा, “करोड़ों नौकरियां पैदा करने का रास्ता एमएसएमई में बड़े पैमाने पर निवेश, निष्पक्ष बाजार जहां प्रतिस्पर्धा बढ़ सके, स्थानीय उत्पादन नेटवर्क के लिए समर्थन और सही कौशल से लैस युवाओं के माध्यम से है।”
“प्रधानमंत्री इन विचारों से सहमत नहीं होंगे। लेकिन मैं उनसे सीधे पूछना चाहता हूँ: प्रधानमंत्री जी, आपने बहुत दिखावटी ढंग से ELI की घोषणा की – लेकिन यह 10,000 करोड़ रुपये की योजना कहाँ गायब हो गई? क्या आपने अपने वादों के साथ-साथ हमारे बेरोजगार युवाओं को भी छोड़ दिया है?” “जबकि आप हर दिन नए नारे गढ़ते हैं, हमारे युवा अभी भी वास्तविक अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। भारत को जिन करोड़ों नौकरियों की सख्त ज़रूरत है, उन्हें पैदा करने के लिए आपकी ठोस योजना क्या है, या यह सिर्फ़ एक और जुमला है?” उन्होंने कहा।
गांधी ने आगे पूछा कि प्रधानमंत्री कब अपना ध्यान अडानी और उनके “अरबपति मित्रों” को समृद्ध करने से हटाकर यह सुनिश्चित करने पर लगाएंगे कि हाशिए पर पड़े समुदायों के युवाओं को रोजगार तक समान पहुंच मिले।