
नई दिल्ली, 8 अगस्त 2025:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने निवास पर इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने चुनावों में कथित ‘वोट चोरी’ को लेकर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन पेश किया। इस अहम बैठक में विपक्षी गठबंधन की 25 पार्टियों के 50 से अधिक वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य था – चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और मतदाता सूची में कथित हेरफेर पर रणनीति बनाना।
राहुल गांधी ने प्रेजेंटेशन में दावा किया कि देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए हैं, जो संदेहास्पद हैं। उन्होंने सीधे तौर पर चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि मतदाता सूचियों की जानकारी जानबूझकर विपक्ष से छुपाई जा रही है।
बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (उद्धव) प्रमुख उद्धव ठाकरे, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत तमाम नेता शामिल हुए। सबने सर्वसम्मति से तय किया कि 11 अगस्त को इंडिया गठबंधन के सभी नेता मिलकर चुनाव आयोग तक विरोध मार्च निकालेंगे।
बैठक में केवल वोट चोरी नहीं, बल्कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण, अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ और उपराष्ट्रपति चुनाव जैसे अन्य ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा हुई। राहुल गांधी ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई है।
कांग्रेस ने बैठक के दौरान सोनिया गांधी, डिंपल यादव और सुप्रिया सुले की एक साथ तस्वीर साझा करते हुए महिला नेतृत्व को भी रेखांकित किया। राहुल गांधी ने कहा कि “देश की जनता भ्रष्ट और कायर संस्थाओं को सबक सिखाएगी। सब्र का फल मीठा होता है।”
इंडिया गठबंधन का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब देशभर में चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर बहस तेज़ हो गई है। अब सबकी निगाहें 11 अगस्त के उस विरोध मार्च पर हैं, जहां विपक्ष लोकतंत्र के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करने जा रहा है।